आखिर कब तक पैदल चलेंगी बेटियां? साढ़े तीन लाख छात्राओं को 7 माह से साइकिल का इंतजार
जयपुर। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का दावा कर रहा शिक्षा विभाग सत्र शुरू होने के सात माह बाद भी छात्राओं को साइकिल नहीं दे पाया। सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं में अध्ययनरत करीब 3 लाख 50 हजार छात्राओं को निःशुल्क साइकिल का इंतजार है। सत्र समाप्त होने में मात्र तीन माह का समय शेष बचा है, लेकिन विभाग अभी तक साइकिल देने या राशि देने की गाइडलाइन तय नहीं कर पाया। इसके चलते छात्राओं को स्कूल जाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर होना पड़ रहा है।
शिक्षा विभाग द्वारा हर साल सितंबर माह में कक्षा 9 में अध्ययनरत छात्राओं के नामांकन की सूचना जिला वार मांगीं थी। नियमों के अनुसार अक्टूबर माह में छात्राओं को साइकिल वितरण किया जाना जरूरी है, लेकिन चार माह बाद भी विभाग के जिम्मेदार छात्राओं की समस्या से नजरअंदाज किए बैठे हैं, जबकि योजना में इस बार सरकार द्वारा कक्षा 6 से 8 तक की 5800 छात्राओं को भी साइकिल देने की तैयारी की जा रही है, लेकिन विभाग की बेरुखी के चलते छात्राओं के सपनों पर पानी फिर रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि निदेशालय से इस बार साइकिल वितरण और संख्या की डिमांड नहीं मांगीं गई। डिमांड भेजने के बाद ही साइकिल वितरण और अन्य प्रक्रिया शुरू होती है। छात्राओंको इस बार किराए के वाउचर भी नहीं दिए गए। कई बार ये एक साथ दिए जाते हैं।
बालिकाओ से मांगे गए आवेदन
कक्षा 6 से 8 तक पढ़ने वाली छात्राओंको भी नि:शुल्क साइकिल देने के लिए शाला दर्पण पोर्टल पर आवेदन मांगे गए हैं। इसके अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस की छात्राओंको साइकिल दी जाएगी। इसमेंप्रत्येक कक्षा में 60% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
छात्राओं को जल्द साइकिल देने की मांग
शिक्षक संघ रेसटा के प्रदेशाध्यक्ष मोहरसिंह सलावद ने कहा कि अभी तक राज्य में कक्षा नौवीं में अध्ययनरत लाखों बेटियों को साइकिल नहीं मिलने के मामले के राज्य सरकार व शिक्षा विभाग को गंभीरता से लेना चाहिए।15 फरवरी से पूर्व बेटियों को नि:शुल्क साइकिलों का वितरण करना चाहिए। ताकि छात्राओंको परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इससे बेटियों को घर से स्कूल तक आने जाने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही कक्षा 6 से आठवीं तक सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहीं सभी वर्गो की बेटियों को साइकिल मिलनी चाहिए।