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राजस्थान की इस महिला ने कुछ इस तरह बचाई चार जिंदगिया,अस्पताल में लगे अमर रहे के नारे

04:03 PM Aug 31, 2024 IST | Anand Kumar

सडक हादसे के बाद घायल हुई एक महिला जिसका जोधपुर के एम्स में ईलाज चल रहा था मगर ईलाज के बावजूद 3 दिन से ब्रेन डेड रहने के बाद परिवारजनों ने महिला के हार्ट, किडनी, लंग्स और लिवर डोनेट किए हैं। यह महिला बिजनेसमैन रतनलाल की पत्नी थी जिसकी एक सडक हादसे में घायल होने के बाद से जोधपुर के एम्स में इनका ईलाज चल रहा था मगर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती महिला ने जब दम तोड दिया तो परिवारजनों ने इस महिला की इच्छा के अनुसान उसके मरने के बाद अंग दान किए जिसके बाद एम्स जोधपुर से यह अंग फ्लाइट से जयपुर भेजे गए ताकि किसी की जिंदगी को बचाया जा सके। परिजनों के अंगदान के फैसले के बाद अस्पताल में कंवराई देवी अमर रहे के नारे लगाए गए।

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एयरपोर्ट तक पहुंचाए ऑर्गन

जोधपुर एम्स से शनिवार सुबह 11 बजे फ्लाइट से हार्ट, 1 किडनी और लिवर जयपुर भेजा गया। वहीं, 1 किडनी जोधपुर के एम्स में ही मरीज को लगाई गई। परिजनों का कहना है कि उनकी इच्छा थी कि मरने के बाद उनके अंगदान किए जाए। ताकि मृत्यु के बाद भी किसी को जीवन मिल मिल जाए और वे खुद अमर हो सकें। जोधपुर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ऑर्गन एक विशेष बॉक्स में एयरपोर्ट तक पहुंचाए गए।

तीन दिनो तक सेहत में नही हुआ सुधार इसलिए लिया निर्णय

बिजनेसमैन रतनलाल ने की माने तो उनकी पत्नी कंवराई देवी और बेटे के साथ बाइक पर 28 अगस्त को जैतारण स्थित दुकान से अपने गांव खारिया मीठापुर जा रही थी। इस दौरान सुबह 8:30 बजे तेज स्पीड कार से बचने के लिए रतनलाल ने ब्रेक लगाए तो बाइक स्लिप हो गई। इसी हादसे में पीछे बैठी कंवराई देवी घायल हो गईं, उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी। उन्हें सुबह 11:00 बजे जोधपुर के एम्स हॉस्पिटल में इलाज के लिए एडमिट कराया गया था। उनको बताया गया कि पत्नी का ब्रेन डेड हो चुका है। इस पर उन्होंने 3 दिन तक उनके स्वस्थ होने का इंतजार किया। लेकिन, सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। डॉक्टर की सलाह के बाद 31 अगस्त को उन्होंने निर्णय लिया कि अंग डोनेट किए जाने चाहिए।

एक विशेष बॉक्स में फ्लाइट से भेजे जयपुर

एम्स जोधपुर के हार्ट, किडनी ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट डॉक्टर एएस संधू की माने तो कंवराई देवी गुर्जर के लीवर, हार्ट और दोनों किडनी डोनेट की गई है। लिवर को 12 घंटे, किडनी 30 घंटे तक रखी जा सकती है, लेकिन हार्ट को 4 से 6 घंटे में लगाना पड़ता है। ऐसे में फ्लाइट के जरिए तीन अंग जयपुर भेजे गए हैं। इन्हें एक विशेष बॉक्स में स्पेशल सॉल्यूशन के साथ प्रिजर्व करके रखा जाता है। इसके अलावा कम टेंपरेचर के लिए उन्हें बर्फ में रखा जाता है।

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