जंगलों का सेब है यह खट्टा - मीठा फल, राजस्थान के डांग क्षेत्रों में स्वत: ही होता है पैदा, त्रेतायुग से है इसका सीधा संबंध..
Special fruit Rajasthan : आपने कई महंगे फल बाजार से खरीदे होंगे, लेकिन राजस्थान के जंगलों और डांग क्षेत्र में लोगों को सर्दियों में फ्री में मिलने वाले एक खास फल "बेर" का स्वाद लेने का मौका मिलता है. कंटीली झाड़ियों में उगने वाला यह फल खट्टा-मीठा होता है, जिसे लोग "जंगल का सेब" भी कहते हैं. यह बेर बाजार में 50 से 60 रुपये किलो तक बिकता है, परंतु डांग क्षेत्र के लोग इसे दो महीने तक बिना किसी लागत के प्राप्त करते हैं और कई लोग इसे बेचकर आमदनी भी कमाते हैं.
बेर का आकार छोटा होता है, और इसे तोड़ने के लिए लोगों को झाड़ियों के कांटों से भी मुकाबला करना पड़ता है.यह फल इंसानों के साथ-साथ जानवरों का भी पसंदीदा है. कहा जाता है कि भगवान राम ने भी शबरी के आश्रम में इसी बेर का स्वाद चखा था.
बरसात में उगता, सर्दियों में मिलता है तैयार फल
डांग क्षेत्र के स्थानीय निवासी राधे श्याम शर्मा के अनुसार, यह बेर बरसात के समय उगना शुरू होता है और दिवाली के आसपास पककर तैयार हो जाता है. यहां के जंगलों में बिना किसी बीज डाले, प्राकृतिक रूप से यह फल बड़ी मात्रा में उगता है. जंगलों में इसकी प्रचुरता के कारण लोग इसे दो महीने तक मुफ्त में तोड़कर आनंद लेते हैं.
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बेर
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. गौरव शर्मा बताते हैं कि बेर में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक हैं.इसमें संतरे से भी अधिक विटामिन पाया जाता है. बेर का सेवन मोटापा कम करने, त्वचा में निखार लाने और पाचन को सुधारने में फायदेमंद है. यह तनाव और चिंता को भी कम करता है.