राजस्थान के इस बेटे ने पेरिस पैरालंपिक में बढाया देश का मान,खुशी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दी बधाई
Paris 2024 Paralympics:राजस्थान के करौली जिले के प्रतिभाशाली एथलीट सुंदर गुर्जर ने पेरिस पैरालंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता में एफ-46 श्रेणी में कांस्य पदक प्राप्त कर राजस्थान ही नही बल्कि पूरे भारत देश का मान बढाया है. इसको लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पेरिस पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले सुंदर गुर्जर को बधाई दी है. भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि राजस्थान के करौली जिले के प्रतिभाशाली एथलीट सुंदर गुर्जर ने पेरिस पैरालंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता की F46 श्रेणी में कांस्य पदक प्राप्त कर न केवल देश का अपितु संपूर्ण राजस्थान का मान बढ़ाया है, जिसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं. यह ऐतिहासिक उपलब्धि आपके अथक परिश्रम एवं असाधारण खेल कौशल का परिणाम है. यह जीत प्रदेश और देश के असंख्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है. भारत माता की जय."
आज पूरा देश सुंदर गुर्जर पर कर रहा गर्व
कहते है जब हौंसला और कुछ कर गुजरने का जजबा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. यह कहावत सुंदर सिंह गुर्जर पर सटीक बैठती है. सुंदर गुर्जर राजस्थान के करौली जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने एक हादसे में अपना बायां हाथ खो दिया इसके बाद उन्होंने आत्म हत्या के बारे में सोचा. फिर पैरा स्पोर्ट्स से जीवन का नया उद्देया मिला गया. सुंदर के नाम 68.60 मीटर भाला फेंकने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है. सुंदर एशियाई पैरा खेलों में गोल्ड जीता है. 64.01 मीटर के प्रयास के साथ टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता है. आज पूरा देश इनपर गर्व कर रहा है.
यह रहा खेल का रिकॉर्ड
इस प्रतियोगिता की बात की जाए तो देशभर के अलग-अलग जगहो से भी प्रतियोगियों ने भाग लिया. इसमें उत्तर प्रदेश के पैरा एथलीट अजीत सिंह ने पैरालंपिक में पुरुष भाला फेंक एफ-46 वर्ग स्पर्धा में रजत पदक जीता. भाला फेंक F46 फाइनल में अजीत सिंह ने 65.62 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया. इसी स्पर्धा में सुंदर गुर्जर ने 64.96 थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता. सुंदर सिंह गुर्जर 64.96 मीटर थ्रो के बाद दूसरे स्थान पर थे. अजीत सिंह ने वापसी करते हुए तीसरे स्थान पर धकेल दिया.