दहशत में जी रहे इस गांव को वन विभाग की टीम ने कुछ इस तरह कराया दहशत मुक्त,लेपर्ड ने मचाया हुआ था कोहराम
leopard rescue: राजसमंद के मोरवार्ड गांव के लोग आखिरकार उस वक्त भय मुक्त हुए जब वन विभाग जोधपुर की टीम ने लेपर्ड को रेस्क्यू कर उनको लेपर्ड के भय से मुक्त कराने का काम किया। वन विभाग की टीम पिछले कई दिनो से वही डेरा डाले हुए थी और लेपर्ड को रेस्क्यू करने का प्लान कर रही थी जिसके चलते आज रविवार को आखिरकार लेपर्ड वन विभाग की चंगुल में फंस ही गया जिसको पिंजरे में कैद किया गया। उसके बाद कही जाकर मोरवार्ड के लोगो ने राहत की सांस ली है।
6 दिन पहले महिला पर किया था हमला
मोरवड गांव में 6 दिन पहले महिला को मारने वाले आदमखोर लेपर्ड को रेसक्यू कर दिया गया है। इस लेपर्ड को पकड़ने के लिए जोधपुर वन विभाग की टीम ने पिछले पांच दिन से मोरवर्ड के जंगलों मे अपना डेरा डाल रखा था। रविवार सुबह लेपर्ड टीम के एक पिंजरे में फंस गया। जिसके बाद वन विभाग और मोरवार्ड के लोगों ने राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि राजसमंद के मोरवड़ गांव में पिछले कई दिनों से एक आदमखोर लेपर्ड मुवमेंट कर रहा था।
पूरा गांव और क्षेत्र था दहशत के माहौल में
इस लेपर्ड ने कई लोगों पर जानलेवा हमले भी कर रखा था। 6 दिन पहले जंगल में बकरी चला रही काना तालाब मोरवड़ निवासी रकमा भील पर इस लेपर्ड ने जानलेवा हमला किया था। जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी। महिला पर लेपर्ड के हमले के बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ था। जिसके चलते लोगों अकेले अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे थे।
इतनी मशक्कत के बाद ऐसे किया रेस्क्यू
जोधपुर वन विभाग के ट्रैकूलाइजर बंशीलाल व उनकी टीम ने मिलकर लेपर्ड को रेस्क्यू करने का काम किया। बंशीलाल की माने तो पिछले पांच दिन से लेपर्ड को पकड़ने के लिए अलग – अलग पॉइंट पर पिंजरे लगाए गए थे। इसके साथ ही उसकी टीम जंगल में संभव ठिकानों पर खोज भी कर रही थी। लेपर्ड काफी हिंसक है ओर लोगों पर हमला करने से भी नहीं चूक रहा है। इसके साथ ही वह वन विभाग के पिंजरों व जाल को भी पहचान रखता है। ऐसे में इस लेपर्ड को पकड़ना मुश्किल भी हो रहा था। लेपर्ड नर है और इसकी उम्र करीब 8 साल है। आखिरकार उसको पकडने में कामयाबी मिल ही गई।