सामने आया ‘पाताल लोक’ का सच! वैज्ञानिक भी हुए हैरान
वाशिंगटन। पौराणिक कहानियों में ‘पाताल लोक’ का जिक्र होता रहा है। उन कहानियों की मानें तो ‘पाताल लोक’ एक ऐसी जगह है जहां पर आसुरी शक्तियां रहती हैं। अब ‘पाताल लोक’ सिर्फ कहानी का हिस्सा नहीं रहा, क्योंकि गहरी रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने पाताल लोक तक पहुंचने की कोशिश की है।
कई जगह जिक्र है कि अगर धरती की सतह से नीचे की एक गहरा गड्ढा खोदा जाए तो हम पाताल लोक तक पहुंच सकते हैं। रिसर्च को जमीन से लगभग 100 मील नीचे एक चट्टान की परत मिली थी, जो पूरी तरह से पिघली हुई थी। अब तक यह पहली बार है जब रिसर्चर्सजमीन के इतने नीचे तक पहुंच सके हैं। यह परत एस्थेनोस्फीयर के नीचे है
स्टडी से पता चल सकता है भूकंप का एस्थोनोस्फीयर
धरती के काफी नीचे है जो बहुत कमजोर परत है और यह हमेशा मूव करती रहती है। रिसर्चर बताते हैं कि एस्थोनोस्फीयर की स्टडी करने से काफी जानकारियां मिल सकती हैं। वे कहते हैं, इसके अध्ययन से हमें टेक्टोनिक प्लेट्स में मूवमेंट का पता लगेगा, इसके अलावा इस बात की भी गणना की जा सकती है कि भविष्य में कब-कब भूकंप आ सकता है। वर्तमान समय में इस बात का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है कि भूकंप कब और कहां आएगा, फिर भी भूकं प के लिहाज से धरती को अलग-अलग रेंज में बांटा गया है।
तरल चीज का अध्ययन
धरती के नीचे मिली चिपचिपी और तरल चीज का अध्ययन करके यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के रिसर्चर्स ने बताया इसका दायरा काफी बड़ा है। अध्ययन में यह अनुमान है कि इसका 44% हिस्सा प्लैनेट को घेरे हुए हो सकता है। जमीन के नीचे इस लेयर का अध्ययन कर यह पता लगाया जा सकता है कि बस में भविष्य में आने वाले भूकंप की स्थिति क्या हो सकती है।
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