चार साल में 1.5 डिग्री बढ़ जाएगा तापमान, जलेगी धरती... झुलसाएगी भीषण गर्मी
लंदन। सिर्फ चार साल और, यानी 2027 से पहले, पूरी दुनिया का औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। ये डरावना खुलासा विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने किया है। इसका मतलब ये नहीं है कि दुनिया का तापमान 2015 के पेरिस एग्रीमेंट के स्तर से ऊपर चला जाएगा पर गर्मी बढ़ेगी। ये तो पक्का है। इतनी की लोगों की हालत खराब होने वाली है। पूरी दुनिया जलेगी। मौसम का समय बदलेंगे. आपदाएं आएंगी। डब्ल्यूएमओ ने यह खुलासा 30 साल के औसत वैश्विक तापमान (एजीटी) के आधार पर किया है। संगठन ने कहा कि 2027 तक दुनिया का तापमान डेढ़ डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। इसकी 66 फीसदी संभावना है।
आएंगे ज्यादा अल-नीनो
जब तक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम नहीं करेंगे, तब तक बढ़ती गर्मी को रोक नहीं पाएं गे। इसका असर अलग-अलग देशों के हर मौसम पर पड़ेगा। भारत की हालत इसलिए खराब होगी, क्योंकि अल-नीनो के साथ जब इंसानों द्वारा किया जा रहा जलवायु परिवर्तन मिलेगा तो स्थितियां और भी बदतर हो जाएं गी। डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेटेरी तालस ने कहा कि ज्यादा गर्मी बढ़ने से अल-नीनो की स्थिति भी पैदा होगी। इसकी वजह से ट्रॉपिकल प्रशांत महासागर की ऊपरी सतह गर्म होगी। इससे वायुमंडल भी गर्म होगा।
5 वर्ष में 1 साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी
डब्ल्यूएमओ ने एक और खतरनाक चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा है कि अगले हर पांच साल में एक साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने के 98 फीसदी आशंका है। यह प्रक्रिया साल 2016 से शुरू हो चुकी है। जिसे ज्यादातर देश गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। ब्रिटेन के लॉन्ग-रेंज प्रेडिक्शन प्रमुख एडम स्कैफी कहते हैं अगर अस्थाई तौर पर भी डेढ़ डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ता है, तब भी पूरी दुनिया को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना होगा। बेमौसम बारिश, अचानक बाढ़, सूखा, धूल भरी आंधी, समुद्री तूफानों का आना।
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