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पूर्व मंत्री रामलाल जाट पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार…अब पहुंचे हाईकोर्ट, जानें क्या है पूरा मामला

प्रदेश के पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट को अब 5 करोड़ की धोखाधड़ी के केस में गिरफ्तारी का डर सता रहा है। इससे बचने के लिए जाट ने हाईकोर्ट का सहारा लिया है। जानें पूरा मामला
04:09 PM Dec 20, 2023 IST | Kunal Bhatnagar
पूर्व मंत्री रामलाल जाट पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार…अब पहुंचे हाईकोर्ट  जानें क्या है पूरा मामला

Former minister Ramlal Jat: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री रामलाल जाट पर 5 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी का जर सताने लगा है। इस बीच, पूर्व मंत्री राम लाल जाट ने धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसे लेकर आज कोर्ट ने सुनवाई होनी थी, लेकिन समया की कमी होने के चलते आज सुनवाई नहीं हो पाई है।

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गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर अपील

जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित की कोर्ट में आज इस मामले को लेकर सुनवाई होनी थी, लेकिन समय की कमी होने के कारण आज सुनवाई नहीं हो पाई है। अब 4 जनवरी की तारीख दी गई है। रामलाल जाट के खिलाफ करेड़ा थाने में 5 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। रामलाल जाट सहित 5 लोगों के खिलाफ 17 सितंबर को कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई थी। राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी ने द्वारा यह मामला दर्ज कराया गया था। अब रामलाल जाट द्वारा हाईकोर्ट में की FIR को खारिज करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की गई है।

FIR होते ही अगले दिन SHO का हुआ था ट्रांसफर

17 सितंबर को मांडल (भीलवाड़ा) कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन थाना प्रभारी ओम प्रकाश गोरा ने भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में एफआईआर दर्ज की थी। रिपोर्ट में ज्ञानगढ़ निवासी पूरनलाल पुत्र मन्नू गुर्जर, अंटाली प्रतापपुरा निवासी सूरज जाट, अंटाली निवासी महिपाल सिंह, प्रतापपुरा निवासी रामलाल जाट, प्रतापपुरा निवासी महावीर प्रसाद पुत्र रामस्वरूप चौधरी को शामिल किया गया है। रिपोर्ट दर्ज होने के दूसरे ही दिन थाना प्रभारी ओम प्रकाश का तबादला कर दिया गया। उनका ट्रांसफर भी इसी मामले से जुड़ा था और काफी चर्चा में रहा था।

कोर्ट के आदेश पर मामला हुआ था दर्ज

पीड़ित परमेश्वर का आरोप है कि जब उसे पैसे नहीं मिले तो उसने विरोध किया। इस पर पूर्व मंत्री नाराज हो गये। यह कहकर धमकाया कि वह राजस्व मंत्री के पद पर हैं। इसके बाद 17 जून 2022 को खदानों में काम करने वाले मजदूर वहां से डरकर भाग गये। इसके बाद पीड़ित परमेश्वर ने करेड़ा थाने में शिकायत की थी लेकिन उसका मामला दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद परमेश्वर को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।

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