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केरल की राजभाषा है ‘मलयालम’, भारत के अलावा इन देशों में भी बोली जाती है यह भाषा   

10:26 AM Feb 25, 2023 IST | Supriya Sarkaar

हमारे देश में कई तरह की भाषाएं बोली जाती है। कहा भी जाता है कि भारत में प्रत्येक 2 किलोमीटर में बोली और प्रत्येक राज्य में भाषा बदल जाती है। यहां हर राज्य की अपनी अलग भाषा है। कुछ राज्यों की भाषा हिंदी से मिलती जुलती होने के कारण उत्तर भारत के लोगों को समझ आजाती है। जैसे- राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश तथा बिहार की भाषा सभी को समझ आती है। लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडू और पूर्वी भारत के सभी राज्यों की भाषा समझना टेड़ी खीर लगती है। 

ऐसी ही अपनी विशेष भाषा के साथ केरल देश में अलग पहचान रखता है। यहां की मलयालम भाषा की लिपी तथा बोली बिल्कुल अलग है। पूरे राज्य में मलयालम बोली जाती है, वर्ष 2017 में केरल के सभी स्कूलों में कक्षा 10 तक इस भाषा को अनिवार्य भी कर दिया गया। खास बात यह है कि यह न सिर्फ भारत में बल्कि अन्य देशों में भी बोली जाती है।  

तमिल से मिलती जुलती भाषा

मलयालम भाषा केरल के अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक तथा लक्षद्वीप सहित अन्य कई देशों में रह रहे मलयाली लोगों द्वारा बोली जाती है। भाषा और लिपि के लिहाज से यह तमिल भाषा से मिलती जुलती मानी जाती है। ईसा पूर्व की पहली सदी से इस भाषा पर संस्कृत का प्रभाव रहा है। इसके लिए संस्कृत के कुछ शब्दों को संसोधित किया गया। जिन्हें मलयालम शैली के अनुकूल बनाया गया। 

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सदियों से इस भाषा पर अरबी, अंग्रेजी तथा पुर्तगाली उपनिवेशवाद का असर पड़ा है। 3100 ईसापूर्व से लेकर 100 ईसापूर्व तक यह तमिल का स्थानीय रूप मानी जाती थी। तीसरी सदी से पन्द्रहवीं सदी के मध्य का समय मलयालम का मध्यकाल रहा। इस काल में जैन धर्म के लोगों ने इस भाषा को प्रभावित किया। इसके बाद वर्ष 1795 में जब केरल पर अंग्रेजी शासन ने पूर्ण रूप से शासन किया तो एक बार फिर इसमें परिवर्तन आया। इस तरह इस भाषा में कई बार बदलाव हुए।

भाषा का उद्भव

मलयालम साहित्य की उत्पत्ति की बात करें तो इसको लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं। लेकिन कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह साहित्य लगभग एक हजार वर्ष पुराना है। उनका कहना है कि यह संस्कृतजन्य भाषा नहीं है। इसका उद्गम द्रविड़ यानी तमिल भाषा से हुआ है। अत: कहा जाता है कि तमिल और मलयालम में मां-बेटी का रिश्ता है। 

वर्तमान में कुल 3,30,15,420 भारतीय लोग मलयालम बोलते हैं। भारत के अलावा संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कनाडा, मलेशिया, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, कुवैत, बहरीन, ब्रिटेन, ओमान तथा अमेरिका में रहने वाले भारतीय भी यह भाषा बोलते हैं। इस तरह पूरी दुनिया में कुल 3, 58,13,110 लोग मलयालम बोलते हैं।  

दो शब्दों से मिलकर बना नाम

इस भाषा की लिपि में 13 स्वर और 36 व्यंजन है। मलयालम दो शब्दों से मिलकर बना है- मलै तथा आलम। इसके मलै शब्द का अर्थ पर्वत तथा आलम का अर्थ स्थान है। केरल के सभी सरकारी कार्यालयों में एक मई 2017 से आधिकारिक भाषा के रूप में मलयालम भाषा अनिवार्य कर दी गई है।

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