नए मंत्रियों को विभागों का इंतजार…‘मलाईदार’ महकमों के लिए दिल्ली तक लॉबिंग, क्या CM के पास रहेंगे अहम विभाग?
Bhajan Lal Government : जयपुर। प्रदेश में मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद भजनलाल सरकार ने शनिवार को अपना मंत्रिमंडल बना लिया। अब मंत्रियों में विभागों के बंटवारों को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन के पांच छह दिन बाद विभागों का बंटवारा हुआ था। ऐसे में यहां भी माना जा रहा है कि अभी विभागों के बंटवारे में समय लग सकता है।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश में भी एमपी और छत्तीसगढ़ की तरह दिल्ली से ही विभागों का बंटवारा किया जाना है। ऐसे में बड़ेविभागों की जुगत में नए मंत्रियों ने दिल्ली दरबार में भी लॉबिंग शुरू कर दी है। हालांकि कई मंत्री रविवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिले तो कुछ ने बीजेपी दफ्तर में जाकर प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से भी मुलाकात की। वहीं सियासी हलकों में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, डिप्टी सीएम दीया कुमारी, और प्रेम चंद बैरवा समेत कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीना, गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मदन दिलावर और बाबूलाल खराड़ी को बड़े महकमों की जिम्मेदारी सौंपने की चर्चाएं हैं।
माना जा रहा है टिकट वितरण से लेकर मंत्री बनाने तक जिस तरह से केंद्रीय नेतृत्व ने सबको चौंकाया, ऐसा ही कुछ विभागों के बंटवारे को लेकर भी होगा। इसी बीच मंत्रिमंडल में शामिल हुए कई अन्य मंत्री भी इस जुगाड़ में लग गए हैं कि उन्हें ‘मलाईदार’ महकमे मिले, इसके लिए मंत्री अभी से जयपुर से लेकर दिल्ली तक मिलने और फोन कर अपने पक्ष में लॉबिंग करने में जुट गए हैं।
सीएम से मिले छह से ज्यादा मंत्री
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से रविवार को दीया कुमारी, मदन दिलावर, गजेंद्र सिंह खींवसर, जोगाराम पटेल, ओटाराम देवासी, मंजू बाघमार, गौतम दक ने मुलाकात की। इसी तरह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से अविनाश गहलोत, जोराराम कु मावत, गौतम दक ने मुलाकात की। भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर भी जयपुर में मौजूद हैं। उनसे मिलने भी अविनाश गहलोत, जोराराम कु मावत पहुंचे।
गृह, वित्त, हेल्थ, UDH, खान जैसे विभागों पर सबकी नजरें
सरकार में हर मंत्री बड़ा विभाग चाहता है। भजनलाल सरकार में भी नगरीय विकास विभाग, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, बिजली, खनिज-उद्योग, परिवहन, कृषि-सहकारिता, राजस्व जैसे बड़े महकमों के लिए लॉबिंग जारी है। हर मंत्री इनमें से ही विभाग लेना चाहता है। हालांकि कु छ मंत्री दबी जुबान में यह भी कह रहे हैं कि यहां लॉबिंग करने से क्या होगा। सब कु छ दिल्ली से ही तय हो रहा है। विभाग भी दिल्ली से ही तय होकर आएं गे।
क्या सीएम के पास रहेंगे अहम विभाग?
पिछली सरकार के रिकॉर्डको देखते हुए सीएम भजन लाल खुद गृह और वित्त विभाग को अपने पास रख सकते हैं। उनके बाद दोनों डिप्टी सीएम भी इन महत्वपूर्ण विभागों में काम करने के इच्छुक रहेंगे। वहीं प्रदेश में खनिज संपदा में अपार संभावना को देखते हुए इस विभाग के लिए वरिष्ठ और अनुभवी नेता जोर आजमाइश में लग गए हैं। हालांकि खान आवंटन को लेकर पिछली सरकारों में खान मंत्री एजेंसियों के रडार पर रहता है। फिर भी कुछ दिग्गज नेताओं की इस मलाईदार महकमे में काम करने की मंशा बन रही है। परिवहन और चिकित्सा विभाग के लिए पूर्वी राजस्थान से बने दो मंत्रियों ने आलाकमान को इच्छा जता दी है। वहीं आरएसएस का सबसे ज्यादा फोकस स्कूली, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा पर विशेष फोकस है। संघ पृष्ठभूमि के किसी मंत्री को यह विभाग देने की संभावनाएं सबसे ज्यादा है। पहले भी भाजपा सरकारों में ये विभाग वासुदेव देवनानी के पास ही रहे थे।