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Bharatpur : सैनी समाज का आरक्षण पर आंदोलन आज भी जारी, आज फिर सीएम या मंत्री से हो सकती है वार्ता 

01:20 PM Apr 26, 2023 IST | Jyoti sharma
bharatpur   सैनी समाज का आरक्षण पर आंदोलन आज भी जारी  आज फिर सीएम या मंत्री से हो सकती है वार्ता 

भरतपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बावजूद सैनी समाज का आरक्षण अभी भी जारी है। जयपुर-आगरा हाईवे पर अरोदा यह प्रदर्शनकारी आरक्षण की मांग को लेकर विरोध जता रहे हैं। इधर समाज के मोहनलाल सैनी की आत्महत्या के बाद परिजन भी विरोध पर हैं। अभी तक शव का पोस्टमार्टम तक नहीं हो पाया है। हालातों की संवेदनशीलता देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा की बंदी आज रात फिर 12:00 बजे तक बढ़ा दी है।

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मोहन सैनी के परिजन मांग पर अड़े

जानकारी है कि आज या कल में मुख्यमंत्री स्तर या फिर मंत्रियों से इस मामले में आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधि फिर से मुलाकात कर सकते हैं। जिसमें उनके समझौते पर सहमति बन सकती है। इसके बाद आंदोलन को खत्म किया जा सकता है। सैनी समाज के मोहन लाल सैनी की आत्महत्या के बाद परिजनों ने 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी की मांग की है। साथ ही उसे शहीद का दर्जा देने की भी मांग उठाई जा रही है। बताया जा रहा है कि इन्हीं मांगों को लेकर अब ये प्रदर्शन किया जा रहा है।

इंटरनेट सेवा बंद

प्रदर्शनकारी अपनी इन मांगों पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक परिजनों की इस मांग का और आरक्षण का सुनिश्चित फैसला नहीं हो जाता वह यहां से नहीं हिलेंगे। संभागीय आयुक्त ने हालातों को देखते हुए इंटरनेट सेवा की बंदी रात 12:00 बजे तक फिर बढ़ा दी है। जिसके तहत नदबई, वैर क्षेत्र और भुसावर इलाके में इंटरनेट सेवा बंद है।

कल मुरारी लाल ने की थी सीएम से बात

बीते  मंगलवार को सैनी आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी के नेतृत्व ने समाज के प्रतिनिधि मंडल ने जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। जिसमें 12 प्रतिशत आरक्षण समेत सभी मांगे रखी गीं। मुरारी लाल सैनी ने बताया था सरकार ओबीसी आयोग को पत्र लिखकर समाज की जनसंख्या की गणना कर आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक स्थिति से अवगत कराएगी। 1 मई को प्रशासन के अधिकारियों से बात होगी।

 सैनी ने ये भी कहा था कि सरकार का फैसला वे आंदोलन कर रहे लोगों को बताएंगे, वे जो फैसला करेंगे, कमेटी वही मानेगी। लेकिन ऐसा लगता है कि प्रदर्शनकारियों ने मुरारी लाल सैनी की भी नहीं मानी है,वे आंदोलन पर डटे हुए हैं।

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