विधानसभा में उठाया गया शहरी निकायों के संपत्ति रिकॉर्ड का मुद्दा, शांति धारीवाल ने दिया ये जवाब
विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान शहरी निकायों की संपत्ति के रिकॉर्ड नहीं होने का मामला उठाया गया। भाजपा विधायक कैलाश चंद मेघवाल ने भीलवाड़ा जिले की नगर पालिकाओं की संपत्तियों का भौतिक सत्यापन से जुड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि किसी भी नगर पालिका में संपत्तियों का भौतिक सत्यापन नहीं हो रहा है।
‘आपने सरकार को जगाने का काम किया है’
जवाब में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि यह सवाल पूछकर आपने सरकार को एक तरह से जगाने का काम किया है। आपने सही सवाल उठाया है, अब सभी नगर पालिकाओं में इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। धारीवाल ने कहा कि नगर पालिकाओं एवं नगर परिषद द्वारा भूमि, भवन एवं अन्य स्थावर सम्पत्तियों के भौतिक सत्यापन एवं पंजिका संधारित करने और इसकी प्रति स्थानीय निकाय निदेशक को भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।
‘स्थानीय निकायों को नहीं है पता’
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक कै लाश मेघवाल ने मामले को उठाते हुए कहा कि स्थानीय निकायों के पास क्या-क्या संपत्ति हैं, इसकी जानकारी नहीं है। मेघवाल भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ नगरपालिका की सम्पत्तियों का भौतिक सत्यापन नहीं होने का मामला उठाया। जवाब में धारीवाल ने कहा कि वर्ष 2019 से पहले राजस्थान नगर पालिका लेखा नियम 1963 के तहत कोई भी नगरपालिका या नगर परिषद भूमि, भवन या अन्य स्थावर सम्पतियों की पंजिका का संधारण नहीं कर रही थी। राज्य सरकार ने सभी नगरपालिकाओं एवं पर को यह पंजिका संधारित करने की सख्त हिदायत दी है। हमीरगढ़ पालिका का गठन ही मई में
धारीवाल ने बताया कि भीलवाड़ा जिले की 8 नगर पालिकाओंमें से हमीरगढ़ पालिका में स्थावर सम्पत्तियों का भौतिक सत्यापन नहीं हो सका, क्योंकि इसका गठन ही मई में हुआ। उन्होंने आश्वस्त किया कि पालिकाओं एवं परिषदों में भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जाएगा।
नए निकायों में भी होगा सत्यापन
इससे पहले विधायक मेघवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में स्वायत्त शासन मंत्री ने बताया कि भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ पालिका की सम्पत्तियों का भौतिक सत्यापन 27 जुलाई, 2021 को, गंगापुर पालिका का 3 अप्रेल 2020 एवं 9 अप्रेल, 2021, गुलाबपुरा का 31 मार्च, 2019, शाहपुरा का 10 अगस्त, 2020, आसीन्द का 24 सितम्बर, 2020 को भौतिक सत्यापन किया गया। मात्र एक नगर पालिका हमीरगढ़ द्वारा इस नियम की पालना नहीं की गई।