पशुओं की रक्षा करने वाला कुत्ता है जर्मन शेफर्ड, संयुक्त राज्य की तीसरी सबसे अधिक लोकप्रिय कुत्ते की नस्ल
हमारे आस-पास मौजूद कई लोगों को पशु पालने का शौक होता है। कोई खरगोश पालने का शौकीन होता है, तो कोई बिल्ली पालते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग पालतू पशु के रूप में कुत्ते को पालना पसंद करते हैं। इसकी वफादारी और मालिक के प्रति सच्ची निष्ठा को देखते हुए लोग कुत्ते को अपना सबसे अच्छा दोस्त समझते हैं। कुछ लोग तो इसे घर का सदस्य भी समझते हैं। इसलिए वे अपने सबसे अच्छे दोस्त के खिलाफ कुछ सुनना भी गवारा नहीं करते। इसकी वफादारी में इतनी ताकत होती है कि इसके विश्वास पर लोग अपने घरों (German Shepherd) को बिना ताले लगाए भी छोड़ जाते हैं। ऐसा ही वफादार कुत्ता है जर्मन शेफर्ड.. जिसे इसकी चतुरता और आज्ञाकारीपन के लिए जाना जाता है। कुत्तों की सभी नस्लों में सबसे अधिक समझदार इस नस्ल के कुत्ते को माना जाता है।
क्यों कहा जाता है जर्मन शेफर्ड
इस नस्ल के कुत्ते को अल्सतियन के नाम से भी जाना जाता है। यह कुत्तों की सबसे नई नस्ल है। जिसे वर्ष 1899 में विकसित किया गया था। इसका जन्म जर्मनी में हुआ था तथा इसे चरवाहों (German Shepherd) यानी शेफर्ड की मदद करने के लिए विकसित किया गया था। इसलिए इसका नाम जर्मन शेफर्ड पड़ा। यह कुत्तों की एक ऐसी नस्ल है जिसे सबसे ज्यादा काम करने के लिए जाना जाता है।
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कई देशों में इसे भेड़-बकरियों को इकट्ठा करने और उनकी रक्षा करने के लिए पाला जाता था। इसके चतुर स्वभाव, समझदारी और आज्ञाकारी होने के कारण ही सभी देशों की पुलिस और सेना में इसे शामिल किया जाता है। यूरोप और एशिया के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी इलाकों में रहने वाले लोग जर्मन शेफर्ड पालना पसंद करते हैं।
प्रथम विश्व युद्ध के बाद बढ़ी लोकप्रियता
इस नस्ल के कुत्ते की लोकप्रियता प्रथम विश्व युद्ध के बाद बढ़ी। जब युद्ध से घर लौटने के बाद सैनिकों ने इन कुत्तों की समझदारी और योगदान के बारे में बताया। लेकिन कम प्रजनन के कारण वर्ष 1920 में इसकी लोकप्रियता कम हो गई। इसके बाद वर्ष 1937 और 1938 में इस नस्ल के कुत्तो ने अमेरिकन केनल (German Shepherd) क्लब में जीत दर्ज करवाई, इसके बाद एक बार फिर जर्म शेफर्ड की लोकप्रियता बढ़ी। लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद फिर से इस नस्ल की लोकप्रियता कम हो गई। वर्ष 1993 में फिर से लोकप्रियता बढ़ने के बाद यह संयुक्त राज्य की तीसरी सबसे अधिक लोकप्रिय कुत्ते की नस्ल बन गयी।
कुत्तों का पंजीकरण
अधिनियम 1957 की धारा 399 के तहत कुत्तों का पंजीकरण करवाया जाना आवश्यक है। सबसे पहले जर्मन शेफर्ड का पंजीकरण वर्ष 1919 में युके केंनल क्लब ने करवाया। इस क्लब ने (German Shepherd) एक साथ 54 कुत्तो को पंजीकृत करवाया गया था। वर्ष 1926 तक करीब आठ हजार कुत्तों का पंजीकरण हो गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका में इस नस्ल के पहले पंजीकृत कुत्ते का नाम रानी था। जिसे स्विट्जरलैंड से लाया गया था।
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