G7 समिट पर टिकी है दुनियाभर की नज़रें, क्या सऊदी अरब प्रिंस करेंगे
कनाडा में 15 से 17 जून तक होने वाले G7 समिट से पहले दुनिया की नज़रें अब सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस Mohammed bin Salman (MBS) पर टिक गई हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने सलमान को औपचारिक न्योता भेजा है। लेकिन क्या वो आएंगे? इसका जवाब अभी तक साफ नहीं है। सलमान ने 2024 का G7 इटली में भी नहीं अटेंड किया था। G7 समिट में सऊदी अरब की मौजूदगी काफी मायने रखती है। गज़ा में सीज़फायर के लिए बातचीत हो या यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और रूस के बीच की बैकडोर डिप्लोमेसी—हर जगह सऊदी अरब एक अहम भूमिका निभा रहा है।

अगर सलमान G7 समिट में शामिल होते हैं, तो तीन बड़ी बातें उनके एजेंडे में होंगी—पहली, मिडिल ईस्ट में गज़ा संघर्ष को रोकने की कोशिशों में सऊदी की भूमिका। दूसरी, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चल रही गुप्त बैठकों की जानकारी। तीसरी, उनका महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट Vision 2030, जिसके ज़रिए सऊदी अरब तेल पर निर्भरता कम कर टेक्नोलॉजी और टूरिज़्म जैसे सेक्टर्स में निवेश बढ़ा रहा है। हालांकि सलमान की कनाडा यात्रा एक "आसान" फैसला नहीं है। 2018 में कनाडा ने जब सऊदी में महिलाओं के हक़ की वकालत की, तो दोनों देशों के रिश्ते बुरी तरह बिगड़ गए थे। राजदूत निकाले गए, ट्रेड रोका गया और स्टूडेंट्स वापस बुला लिए गए। इसके बाद पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या ने हालात और खराब कर दिए।
अब 2023 की APEC समिट के बाद रिश्तों में थोड़ी गरमाहट आई है। फ्लाइट्स दोबारा शुरू हुईं, राजनयिक बहाली हुई और 2024 में सऊदी-कनाडा बिजनेस काउंसिल भी बन गई। G7 समिट में MBS की मौजूदगी सिर्फ एक राजनयिक घटना नहीं होगी, बल्कि यह इस बात की परीक्षा भी होगी कि क्या कनाडा अपने मूल्यों के साथ समझौता किए बिना ग्लोबल पावर गेम में रह सकता है। क्या Mohammed bin Salman इस बार G7 समिट में नया इतिहास रचेंगे? क्या गज़ा और यूक्रेन की जंग को सुलझाने में उनकी कोई भूमिका बनेगी? सारी दुनिया की निगाहें अब अल्बर्टा की तरफ हैं।