नया कल्चर…‘हवाई उड़ान’को साथी बनाकर अपनों की खुशी में चार चांद लगा रहे युवा
जयपुर। ग्रामीण इलाकों में अपनों की खुशी में दोगुना रंग भरने के लिए युवा ‘हवाई उड़ान’ को साथी बना रहे हैं। फिर चाहे वह शादी में दुल्हन लाने के लिए बेटे की चाहत हो या फिर रिटायरमेंट पर पिता को ऑफिस से घर तक लाने का जुलूस। यही कारण है कि इन दिनों हेलीकॉप्टर की जमकर बुकिंग हो रही है। इसके चलते पिछले दिनों शादी के सीजन में कई लोगों को हेलीकॉप्टर मिल ही नहीं पाया। गौरतलब है कि प्रदेश में ए वन कंपनी के पास तीन ही हेलिकॉप्टर हैं, इसके बाद अगर हेलिकॉप्टर की डिमांड होती है तो वह नजदीकी राज्यों से मंगाया जाता है।
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राजधानी में मिलने वाले हेलिकाप्टर की बुकिंग करीब ढाई लाख तक की जाती है, मगर बाहरी राज्य से मंगाने पर यह कीमत दोगुनी तक हो जाती है। इधर, पिछले दिनों शादियों के सीजन में प्रदेश के ग्रांवों में करीब 55 ऐसी शादियां हुईं, जिनमें दुल्हन लाने के लिए हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। शादी के अलावा ग्रामीण इलाकों में नौकरीपेशा लोगों के बच्चे अपने माता- पिता के रिटायरमेंट पर उन्हें खुशी देने के लिए भी इसे बुक करवा रहे हैं। इधर, इस सीजन में अलवर जिले में गरीब परिवार की ओर से हेलिकॉप्टर से दुल्हन को ससुराल लाने की घटना जगह-जगह चर्चा का विषय रही। इसमें दूल्हे के माता-पिता ने बेटे की खुशी के लिए हेलिकॉप्टर की बुकिंग की।
गरीब परिवार ने बेटे की खुशी के लिए मंगाया हेलिकॉप्टर
अलवर जिले के कठू मर में पिछले दिनों सितंबर महीने में हुई शादी बड़ी चर्चा का विषय रही। इसमें एक गरीब परिवार में बेटे की शादी में पिता ने हेलिकॉप्टर बुक करवा लिया। एक बार ग्रामीणों को मजाक लगा, मगर जब हेलिकाप्टर में उसका बेटा दुल्हन को लेकर आया तो सब देखते रह गए।
प्राइवेट जगह पर बनाया जाता है हेलीपेड
राजधानी जयपुर के नजदीकी इलाकों के लिए कं पनी लगभग ढाई लाख में हेलिकॉप्टर उपलब्ध करवा रही हैं। इसमें दुल्हन की विदाई से लेकर रिटायरमेंट का कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा डिस्टेंस के अनुसार टेंड बढ़ भी सकता है। इधर, इसकी परमिशन से जुड़ी स्वीकृति के लिए भी करीब 40 से 50 हजार का खर्चा होता है। इसके अलावा बुकिं ग कर्ता को प्राइवेट जगह पर हेलीपैड बनाने के लिए जगह उपलब्ध करवाई जाती है।
आपदा प्रबंधन भी शुरू करेगा हेलिकॉप्प्टर सेवा
आपदा प्रबंधन (एसडीआरएफ) भी जल्द हेलिकॉप्टर सेवा को शुरू करने जा रहा है। इसके बाद आपदा के समय परेशानी से निपटने में एक तरफ समय की बचत होगी, वहीं मुश्किल परिस्थितियों से भी निपटा जा सके गा। गौरतलब है कि राजधानी स्थित टीम के पास कई बार दूरगामी जिलों से आपदा से जुड़ी सूचना आती है। ऐसे में वहां के लिए सड़क मार्ग से जाने में काफी वक्त लगता है।
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प्रदेशभर में पिछले दिनों ग्रामीण इलाकों में शादियों में 50 से भी अधिक जगह हेलिकॉप्टर की बुकिंग हुई। इन सभी में अधिकतर मिडिल क्लास परिवार की शादियां शामिल हैं। आगामी सावों के लिए भी हेलिकॉप्टर की बुकिंग लगभग फुल है। सोहन सिंह, एवन हेलिकॉप्टर, डायरेक्टर
गांवों में क्रेज, सिटी में लैंडिंग समस्या
शहरी लोग शादियों में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के स्पेस के ना होने के चलते इसके इस्तेमाल से बचते हैं। वहीं, ग्रामीण इलाकों में ऐसी कोई समस्या नहीं है। इसी वजह से सावों के इस सीजन में प्रदेश के विभिन्न जिलों में 50 से भी अधिक शादियों में हेलीकॉप्टर से दुल्हन की विदाई हुई। कई शादियों में तो हेलिकॉप्टर उपलब्ध नहीं होने की वजह से हेलीकॉप्टर की बजाय लग्जरी गाड़ी में दुल्हन को लाया गया। इसके अलावा इन दिनों बारातियों को भी हेलीकॉप्टर से ले जाने का नया ट्रेंड शुरु हो गया है, जिसमें दूल्हा परिवार के खास लोगों को सवारी करवाई जा रही है।