होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

राजस्थान के इस शहर की हवा हुई प्रदूषित,15 लाख लोगो पर बना हुआ संकट

01:33 PM Oct 08, 2024 IST | Anand Kumar

Jodhpur Air Pollution: राजस्थान के दूसरे बडे जिले जोधपुर की आबो हवा इन दिनो ठीक नही महसूस की जा रही है. अन्य शहरो की तुलना में बात की जाए तो जोधपुर में वायु प्रदूषण अधिक है. नगर निगम अधिकारियों की माने तो पश्चिमी राजस्थान में 10 माइक्रोन धूल के करण सबसे ज्याददा जोधपुर में ही रिकॉर्ड किए गए है. बारिक से रहने वाले यह कण सांसो के जरिए लोगो के फेफड़ो तक पहुंचते है जिससे उनको श्वास संबंधित बीमारियों का खतरा काफी हद तक बढ जाता है. हालांकि शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए जोधपुर नगर निगम केन्द्र सरकार के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम पर काम जरूर कर रही है. मगर यह तो तय है कि इन दिनो जोधपुर की हवा सेहत के लिए अच्छी नही मानी जा रही है.

यह भी है वायु प्रदूषण के ज्यादा होने का कारण

सबसे बडी परेशानी की बात की जाए तो जोधपुर के लिए यह है कि रेगिस्तानी के समीप होने की वजह से जोधपुर में पीएम-10 और पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) अधिक रहते हैं, जिनके कारण जोधपुर में वायु प्रदूषण अधिक रिकॉर्ड होता है. विशेषकर सर्दी और गर्मी में आंधियों के दौरान पीएम कणों की मात्रा बढ़ने से प्रदूषण बढ़ जाता है. इसके कण 2.5 माइक्रोन से लेकर 10 माइक्रोन तक छोटे होते हैं. पीएम कणों में धूल कण, कार्बन कण, जल वाष्प, गाड़ियों से निकलने वाले अपशिष्ट के बारीक गण, कुछ गैसें शामिल होती हैं. जो सेहत के लिए अच्छी नही है.

15 लाख की आबादी वाले शहर को प्रदूषण से बचाने की कवायद

करीब 15 लाख की आबादी वाले जोधपुर शहर में रहने वाले लोगो को धूल कणों से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए नगर निगम अपनी ओर से प्रयास कर रहा है. निगम की ओर से बात की जाए तो विभिन्न प्रोजेक्ट के तहत करीब 60 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. अब केंद्र सरकार की ओर से 10 करोड़ रुपए निगम दक्षिण और 10 करोड़ रुपए निगम उत्तर को दिए गए हैं. इसके तहत अब विभिन्न वार्डो में काम करवाने के लिए तकमीना तैयार किया जा रहा है. इसके चलते सोमवार को निगम उत्तर के अधिशाषी अभियंता ने अधीक्षण अभियंताओं की बैठक लेकर उन्हें प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं. इस कवायद का मकसद 10 माइक्रोन के धूल कणों को हवा में फैलने से रोकना है.

निगम कर रहा रोकने के प्रयास

धूल के बारीक कणो को उडने से रोकने के लिए शहर के कई स्थानों पर जोधुपर नगर निगम दषिण व उत्तर द्वारा पूर्व में फुटपाथ और टाइल्स लगाई है. नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत मंडोर से पावटा, भदवासिया से माता का थान, एम्स के सामने, रातानाडा मुख्य सडक़, आखिलिया से कायलाना, 80 फीट रोड पर फुटपाथ का निर्माण करवाया. कई मुख्य सड़कों पर भी सीमेंट की टाइल्स लगवाई. नगर निगम अपनी ओर से लागातर प्रयास जारी रखे हुए है.

प्रोग्राम के तहत यह भी किए जा रहे कार्य

इस प्रोग्राम के तहत बात की जाए तो टाउन हॉल से हाइकोर्ट तक ग्रीन वॉल विकसित की है. उम्मेद उद्यान में मियावाकी गार्डन और एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के बाहर ग्रीनरी विकसित की है. इसके अलावा यूनिवर्सिटी रोड पर पीली टंकी से लेकर ओल्ड कैंपस तक एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के साथ हरियाली विकसित करने का कार्य चल रहा है. जिससे प्रदूषण को रोकने में काफी हद तक मदद मिल सके.

Next Article