400 किलो चांदी की पालकी में सवार होकर ठाठ से निकलीं तीज माता, आज निकलेगी बूढ़ी तीज की सवारी
Teej Mata ki Sawari : जयपुर। श्रावण शुक्ल तृतीया पर शनिवार को परंपरागत तीज माता की शाही सवारी ठाठ-बाठ से निकली। तीज माता को सोने की ज्वेलरी से सजाकर 400 किलो चांदी के रथ में नगर भ्रमण कराया गया। आज बूढ़ी तीज की सवारी निकलेगी। माता की सवारी जैसे ही सिटी पैलेस के जनानी डयोढी से निकली तो भक्तों ने माता के जयकारे से आसमान को गुंजायमान कर दिया।
त्रिपोलिया गेट से तीज माता की सवारी निकल कर त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ गणगौरी बाजार से गणगौरी गेट होते हुए तालकटोरा पाल पर पहुंची। तीज माता को तालकटोरा का पानी पिलाया गया और घेवर का भोग लगाया गया। तीज की शाही सवारी में शामिल होने के लिए स्थानीय लोगों के साथ बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक भी परकोटे में पहुंचे।
पद्मनाभ सिंह ने की पूजा अर्चना
तीज माता की सवारी निकलने से पहले जनानी डयोढी में राज परिवार की ओर से माता की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर शाही परिवार के महाराज पद्मनाभ सिंह ने माता की पूजा की। उसके बाद माता की सवारी को शाही ठाठ से रवाना किया गया।
150 लोक कलाकारों ने कला से मोहा
दर्शकों का मन शाही लवाजमे के साथ तीज की सवारी के आगे लोक कलाकारों ने राजस्थानी रंगों को साकार किया। कार्यक्रम के दौरान करीब 150 कलाकारों ने लोकरंग बिखेरे। इस दौरान त्रिपोलिया गेट से तालकटोरे की पाल तक मेले सा माहौल नजर आया। लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति के साथ राजस्थानी छटा को जीवंत किया। राजस्थानी लोक कलाकारों ने कालबेलियाई, कच्छी घोड़ी, चकरी, गेर जैसे राजस्थानी लोकनृत्य पेश किए। इसके साथ लोक गायन की जुगलबंदी भी देखने को मिली।
मांगणियार लोक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति दी
इस बार सवारी के आगे मांगणियार लोक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। ऊंट गाड़ी पर राधा-कृष्ण की स्वरूप झांकियों के साथ मयूर नृत्य भी देखने को मिला। इससे पहले सवारी में सबसे आगे गजराज पचरंगा निशान लिए निकला। बीच-बीच में शहर के प्रमुख बैंड वादक अपनी मधुर स्वर लहरियां बिखरते हुए आगे बढ़े। इस बीच सजे-धजे ऊंट व बैलगाड़ी का लवाजमा निकला। इस नजारे को कै मरे व मोबाइलों में कै द करने की लोगों में होड़ सी मची रही।
लोगों ने लुटाई तीज माता के न्यौछावर
पालकी में विराजित तीज माता की शाही सवारी गेट से बाहर निकली तो लोगों में दर्शनों की होड़ लग गई। लोगों ने माता के न्यौछावर भी लुटाई। पीछे कलश लिए महिलाएं मंगल गीत गाते हुए निकलीं। इस दौरान पर्यटन विभाग की ओर से विदेशी पर्यटकों के लिए त्रिपोलिया बाजार की छत पर बैठने की व्यवस्था की गई। छत से विदेशी पर्यटक माता की छवि को कैमरे में उतारते नजर आए।
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