फैक्ट्री में गैस रिसाव की सूचना पर आनन फानन में पहुंची टीमे,जाने फिर क्या हुआ
जोधपुर में अचानक एक फैक्ट्री में जब गैस रिसाव की सूचना मिली तो आनन फानन में टीमे मौके पर पहुंची जिसके बाद फायर ब्रिगेड सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने राहत कार्य शुरू किया। जिसके बाद पता चला कि यह प्रशासन की ओर से मॉकड्रिल करवाई गई थी। दरअसल आपदा प्रबन्धन एवं सहायता एवं नागरिक सुरक्षा, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एवं जोधपुर जिला प्रशासन द्वारा गुरुवार को उमा पॉलीमर (मैनुफेक्चरिंग) कम्पनी में टाउलिन केमिकल के रिसाव से उत्पन्न आपातकालीन स्थिति को संभालने के लिए राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। इस ड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देना, सुरक्षा उपायों को परखना और विभिन्न एजेंसियों के समन्वय को सुदृढ़ करना था। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आर्मी, सीआईएसएफ, जिला प्रशासन, नागरिक सुरक्षा एवं एनसीसी, स्काउट गाईड व स्थानीय नागरिक इत्यादि इस माक एक्सरसाइज का हिस्सा बने।
रिसाव की स्थिति का निर्माण और आपातकालीन सेवाओं की तत्पर प्रतिक्रिया
मॉक ड्रिल के अनुसार, प्रातः 9.31 बजे टाउलिन केमिकल को डिफ्यूल करते समय आउटलेट वॉल की खराबी के कारण केमिकल का रिसाव प्रारंभ हो गया, जिससे दो कर्मी बेहोश हो गए। कंपनी के सुरक्षा अधिकारी को तत्काल सूचना दी गई, और उन्होंने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया। साथ ही, कंपनी के सुरक्षा कर्मियों ने सायरन बजाकर खतरे का संकेत दिया। बेहोश कर्मियों को बचाने के प्रयास के दौरान अन्य 18 कर्मी भी प्रभावित हुए, जिससे कुल 20 लोगों की स्थिति गंभीर हो गई।
फायर फाइटिंग टीम और स्थानीय पुलिस की सक्रिय भागीदारी
प्रातः 9.57 बजे स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (ईओसी) को स्थिति की जानकारी दी। ईओसी द्वारा राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) को सूचित किया गया। फायर बिग्रेड ने 10.05 बजे घटनास्थल पर पहुंचकर अपने बचाव कार्य प्रारंभ किए।
क्षेत्र का विभाजन और सुरक्षा उपाय
सिविल डिफेंस टीम ने पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर आसपास के इलाके में यातायात का रूट डायवर्जन किया और क्षेत्र को तीन हिस्सों (रेड, येलो, और ग्रीन जोन) में विभाजित किया। हॉट जोन (रेड) में आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई। पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम के माध्यम से आसपास के लोगों को आग संबंधी किसी भी कार्य को रोकने की घोषणा की गई। घटनास्थल के आसपास की कंपनियों में पानी का छिड़काव कर उन्हें गीला किया गया ताकि किसी भी संभावित खतरे को कम किया जा सके।
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमों की सराहनीय भूमिका
प्रातः 10.05 बजे राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने बी.ए. सेट (ब्रिथिंग अपरेटस सेट) मास्क और गीले कपड़ों का उपयोग कर 20 प्रभावित लोगों को सफलतापूर्वक बचाया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला नियंत्रण कक्ष ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की मांग की, जिन्होंने सभी जोन में समन्वयित बचाव कार्य प्रारंभ किया।
प्रभावित परिवारों की सुरक्षा और चिकित्सा सहायता
मॉक ड्रिल के दौरान प्रभावित क्षेत्र के परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया और आपातकालीन शेल्टरों में शरण दी गई। कुछ प्रभावित व्यक्तियों को प्राथमिक चिकित्सा दी गई और कुछ को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इस अवसर पर जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने कहा कि यह राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न एजेंसियों के समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया की परख की गई। इस अभ्यास से जोधपुर जिला प्रशासन को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को और मजबूत करने का अवसर मिला है।