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इस एनर्जी कंपनी का शेयर बना रॉकेट, ऑर्डर मिलने के बाद लगातार बढ़ रहा है दाम

06:18 PM May 17, 2023 IST | Mukesh Kumar

शेयर मार्केट में निवेश करने वाले लोग अक्सर मल्टीबैगर शेयर की तलाश में रहते है। अगर आप भी ऐसे स्टॉक की खोज में है तो आप सुजलॉन एनर्जी के शेयरों पर नजर रख सकते हैं। कंपनी के स्टॉक में तीसरे दिन यानी बुधवार को 7.32% की तेजी के साथ 8.80 रुपए पर पहुंच गया है। इसी तेजी के चलते कंपनी को एक आर्डर मिला है। इसका 52 वीक का सबसे हाई लेवल 12.15 रुपए है और 52 वीक का सबसे लो लेवल 5.42 रुपए है। वहीं कंपनी का मार्केट कैप 10,258 करोड़ रुपए पहुंच गया है।

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कंपनी ने दी आर्डर की जानकारी
शेयर बाजार को सुजलॉन एनर्जी ने कहा है कि उसे वाइब्रेंट एनर्जी से 99 मेगावॉट की विंड पावर प्रोजेक्ट के लिए 33 विंड टरबाइन जनरेटर (WTG) का ऑर्डर मिला है। इस प्रोजेक्ट के लिए फाइनेंशियल ईयर 2025 तक चालू होने की उम्मीद है। सुजलॉन एनर्जी ने कहा है कि इस प्रोजक्ट के तहत 300 हजार घरों को बिजली मुहैसर कराई जा सकती है। कंपनी के अनुसार कंपनी पवन टर्बाइनों की आपूर्ति करेगी। इसके साथ ही कंपनी निर्माण और कमीशनिंग सेवाओं के साथ-साथ व्यापक संचालन और रखरखाव का काम किया जायेगा।

जानिए शेयर की प्राइस हिस्ट्री
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों ने तीन साल में 260 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। हालांकि लॉन्ग टर्म में इस शेयर पर दांव खेलने वाले निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। बता दें कि 11 जनवरी 2008 में यह स्टॉक 375 रुपए पर था, जो वर्तमान में 8.80 रुपए पर ट्रेड कर रहा है। पिछले 14 साल में यह स्टॉक 98 फीसदी तक टूट चुका है। इसका 52 वीक का सबसे हाई लेवल 12.15 रुपए है और 52 वीक का सबसे लो लेवल 5.42 रुपए है।

जानिए कंपनी का मार्च तिमाही के नतीजे
सुजलॉन एनर्जी ने मार्च तिमाही के रिजल्ट जारी नहीं किए हैं। हालांकि, दिसंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 910.77 करोड़ रुपए रहा है। इस तिमाही में कपनी को 88.24 करोड़ रुपए को शुद्ध लॉस हुआ है। सुजलॉन एनर्जी में प्रमोटर्स की साझेदारी 14.50 फीसदी की है। वहीं पब्लिक शेयरहोल्डिंग 85.50 प्रतिशत है। बता दें कि सुजलॉन भारत की सबसे बड़ी पवन टरबाइन निर्माता है और भारत में पिछले 12 वर्षों में पवन ऊर्जा बाजार में अग्रणी है जहन इसके नाम 50 प्रतिशत की बाजार की हिस्सेदारी है। इस कंपनी के भारत में 9,000 कर्मचारी हैं और देश भर में आठ विनिर्माण सुविधाएं हैं।

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