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Rajasthan High Court ने अनुचित ढंग से सुना केस, दायरे से बाहर जा दिलाया कब्जा : Supreme Court

12:06 PM Sep 02, 2022 IST | Jyoti sharma

युद्ध में अपाहिज हुए दिवंगत सैनिक की विधवा को जमीन आवंटन का राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) का आदेश रद्द कर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि हाईकोर्ट ने मामले को ‘पूरी तरह अनुचित ढंग’ से सुना। साथ ही कहा कि हाईकोर्ट ने अपने दायरे से बाहर जाकर जमीन पर कब्जा दिलाया, जबकि जमीन देने के लिए विधवा के नाम आवंटन पत्र तक जारी नहीं हुआ था।

जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच इतने पर नहीं रुकी, कहा, ‘आवंटन के बाद 6 महीने में कब्जा लेना होता है, वर्ना आवंटन रद्द माना जाता है। विचाराधीन मामले में कथित आवंटन के 27 साल बाद तक जमीन का कब्जा नहीं लिया गया। आगे कहा, ‘अदालती कार्यवाही में नजर आता है कि हाईकोर्ट ने खास दिलचस्पी ली।

यह था मामला

1965 के भारत-पाक युद्ध (India Pakistan War) में पैर गंवा चुके सैनिक ने 1963 में बने कानून के तहत जमीन आवंटन के लिए आवेदन किया। इस पर 1971 में राजस्व विभाग के सैन्य कल्याण प्रभाग की अनुशंसा पर रोहिखेड़ा गांव में 25 बीघा जमीन देने का निर्णय हुआ। 1988 में सिपाही की मृत्यु हुई। उसकी विधवा ने हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में याचिका दायर कर कहा कि सरकार जो जमीन दे रही है, वह खेती के लायक नहीं है। इस पर सरकार ने पूर्व में बताई जमीन ही आवंटित कर दी, लेकिन यहां से 60 साल से खेती कर रहे लोगों को निकाला जाने लगा तो हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई।

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