स्टूडेंट्स के लिए ‘नानी का घर’ बन रही समर क्लासेज
जयपुर। एक जमाना था जब गर्मी की छुटि्टयां शुरू होते ही बच्चों का ध्यान सीधा नानी के घर जाने की ओर होता था, लेकिन अब बदलते ट्रेंड के साथ नानी के घर की जगह समर कैम्प्स ने ले ली है। स्कूली बच्चे अपने जो शौक पूरे साल पढाई के भारी दबाव के कारण पूरे नहीं कर पाते, उन्हें पूरा करने का मौका उन्हें समर कैम्प्स में मिल रहा है। शहर में लगभग हर स्कूल में, हर स्पोर्ट्स एकेडमी में, फिटनेस सेंटर्स में, म्यूजिक स्कूल्स में समर कैम्प्स की शुरुआत हो चुकी है या होने वाली है। प्राइमरी के छोटे बच्चों से लेकर हायर क्लासेज के छात्र-छात्राएं और कॉलेज स्टूडेंट्स तक में समर क्लासेज का विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।
फन के साथ लर्निंग एक्टिविटी का ‘फ्यूजन’
समर कैम्प्स में छोटे बच्चों के लिए फन एक्टिविटीज की भरमार है जिसमें स्पोर्ट्स, मार्शल आट्र्स, डांस, म्यूजिक, पेंटिंग, कैलिग्राफी, थिएटर, आर्ट एंड क्राफ्ट जैसी एक्टिविटीज शामिल हैं। वहीं रोबोटिक्स, कोडिंग, इंग्लिश परफैक्शन, फॉरेन लैंग्वेज, साइंस ट्रिक्स जैसी लर्निंग की एक्टिविटीज के लिए भी विशेष रुझान देखने को मिल रहा है। बच्चे अपनी उम्र के हिसाब से दो-तीन एक्टिविटीज का कॉम्बीनेशन भी जॉइन कर रहे हैं।
ऑनलाइन क्लासेज भी लुभा रहीं
लगातार बढ़ती गर्मी के कारण ऑनलाइन कैम्प्स का चलन भी बरकरार है। पिछले दो-तीन वर्ष से कोविड के कारण बच्चे ऑनलाइन समर कैम्प्स ही जॉइन कर पा रहे थे। यह ट्रेंड इस बार भी किसी हद तक बरकरार है। तेज गर्मी और लू के कारण बड़ी संख्या में बच्चों के माता-पिता उन्हें घर से बाहर भेजने में हिचकिचाते हैं जिसके चलते कैम्प आर्गेनाइजर्स ने ऑन लाइन क्लासेज की व्यवस्था की है।
आउटसाइडर्स का भी वेलकम
शहर के अधिकांश स्कूलों में इनहाउस स्टूडेंट्स के लिए क्लासेज चलाई जा रही हैं वहीं कई स्कूल्स अपनी क्लासेज में आउट साइडर्स को भी शामिल होने का मौका दे रहे हैं। ऐसे में बच्चों के पास चॉइसेज की भरमार हो गई है।
ओवरऑल डवलपमेंट के लिए बेस्ट
राइज एण्ड रन की निदेशक डॉ. भारती खत्री का कहना है कि समर क्लासेज स्टूडेंट्स के ओवरऑल डवलपमेंट में मदद करती हैं। हालांकि सभी स्कूल्स में एक्स्ट्रा करिक्यूलर एक्टिविटीज चलती हैं लेकिन बच्चे पढ़ाई के भारी दबाव के कारण उनका पूरा लाभ नहीं ले पाते। समर क्लासेज में उनके पास चॉइस ज्यादा होती हैं, दबाव कम होता है इसलिए वे इन्हें इंजॉय कर पाते हैं। ऐसी क्लासेज से बच्चों का मेंटल, फिजीकल व पर्सनेलिटी का डेवलपमेंट होता है।
(कंटेंट- श्रवण कुमार)
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