सुखदेव सिंह गोगामेड़ी थे कांग्रेस से नाराज! 2013 में लड़ा BSP से विधानसभा चुनाव...क्या था पूरा सियासी प्लान?
Sukhdev Singh Gogamedi News: राजस्थान में विधानसभा चुनावों की गहमागहमी थमने के तुरंत बाद ही एक नए घटनाक्रम ने सूबे के माहौल में गरमी पैदा कर दी है. बीते मंगलवार को राजधानी जयपुर में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई जिसके बाद से प्रदेश से लेकर देशभर के राजपूत समुदाय में आक्रोश है. वहीं घटना के करीब 24 घंटे गुजरने के बाद भी अभी तक हमलावर पुलिस की पहुंच से दूर हैं.
गोगामेड़ी की हत्या के बाद बुधवार को पूरे प्रदेश में राजपूत संगठनों ने बंद बुलाया है जिसका कई इलाकों में असर देखा जा रहा है. बंद को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. वहीं गोगामेड़ी की हत्या के बाद उनकी सुरक्षा में कमी, उनकी राजनीतिक इच्छा जैसे कई एंगल पर चर्चा हो रही है.
बताया जा रहा है कि गोगामेड़ी राजनीति में एंट्री लेना चाहते थे जिसके लिए वह 2013 में एक बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. वहीं इस बार 2023 के चुनावों में वह भादरा से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे.
2013 में BSP से आजमाई थी किस्मत
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का नाम राजपूत समाज में एक बड़े नेता के रूप में गिना जाता था और वह राजनीति में काफी रूचि रखते थे. 2016 में गोगामेड़ी ने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का गठन किया जिसके बाद से वह इसके अध्यक्ष थे. वहीं गोगामेड़ी का युवाओं में खासा क्रेज था. गोगामेड़ी लगातार सक्रिय राजनीति में बने रहना चाहते थे.
जानकारी के मुताबिक गोगामेड़ी ने 2013 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर भादरा विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था जहां उन्हें 33 हजार से ज्यादा वोट मिले हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
2023 के विधानसभा चुनावों में भी वो काफी समय से अपनी दावेदारी जता रहे थे और कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन आखिर तक बात नहीं बनी जिसके बाद माना जा रहा था कि वो कांग्रेस से भी नाराज चल रहे थे.
राजपूत समाज में फैला आक्रोश
इधर गोगामेड़ी की हत्या के बाद राजस्थान में बीजेपी ने अशोक गहलोत सरकार पर तीखा हमला बोला है. बताया जा रहा है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने अपने ऊपर हमले की आशंका जताई थी और पुलिस के अधिकारियों से सुरक्षा की भी गुहार लगाई थी. हालांकि राजपूत समाज के नेताओं का आरोप है कि गोगामेड़ी की गुहार को सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया.