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थम नहीं रहा एजुकेशन हब कोटा में छात्रों की मौतों का सिलसिला, अब IIT एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्र ने लगाई फांसी

12:47 PM Jan 16, 2023 IST | Jyoti sharma

कोटा। देश के एजुकेशन हब कोटा में स्टूडेंट्स की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पढ़ाई के दबाव में आकर छात्र मौत को अपने गले लगा रहे हैं। ताजा मामला महावीर नगर इलाके में रह रहे एक कोचिंग के 17 साल के छात्र ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

1 महीने से कोचिंग नहीं जा रहा था छात्र

जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम अली राजा है। वह मूलरूप से यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाला है। वह साल 2022 के जुलाई महीने में आईआईटी जेईई की तैयारी करने के लिए कोटा आया था। यहां के महावीर नगर में रहकर वह एक कोचिंग में जेईई की तैयारी करने लग गया था। पुलिस ने बताया कि छात्र डिप्रेशन में था और पिछले 1 महीने से कोचिंग नहीं जा रहा था। छात्र के परिजन मुंबई में रहते हैं। पुलिस ने परिजनों को सूचित किया जिसके बाद वे कोटा के लिए रवाना हुए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया है। पुलिस ने बताया कि परिजनों के कोटा आने के बाद ही छात्र का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। फिलहाल सुसाइड करने के कारण सामने नहीं आए हैं।

लगातार हो रहीं आत्महत्या चिंता का विषय

बता दें कि कोटा में पिछले साल के 12 दिसंबर को एक ही दिन में तीन छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी। वहीं 23 दिसंबर को यूपी के बरेली के रहने वाले छात्र ने फांसी पर लटक कर सुसाइड कर लिया था। पुलिस की दी जानकारी के मुताबिक मृतक छात्र इंदिरा विहार क्षेत्र में पिछले 3 साल से रह रहा है तथा एक निजी कोचिंग संस्थान से नीट यूजी की तैयारी कर रहा था।

12 दिसंबर को मेडिकल की तैयारी कर रहे तीन कोचिंग छात्रों ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। इनमें से दो छात्रों ने अपने-अपने रूम में दोनों ने फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। दोनों छात्र बिहार के रहने वाले थे और राधा कृष्ण मंदिर के नजदीक तलवंडी इलाके में एक पीजी में रहते थे।

चेतन भगत ने भी छात्रों से किया था संवाद

हाल ही में 6 जनवरी को छात्रों को मानसिक दबाव से बाहर निकालने के लिए प्रसिद्ध लेखक चेतन भगत भी छात्रों के बीच पहुंचे थे और उन्होंने छात्रों से संवाद किया था। यूआईटी ऑडिटोरियम में चेतन भगत ने कहा था कि इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों को फिजिकल रूप से मजबूत होना अनिवार्य है। उसके लिए पढ़ाई के साथ-साथ फिजिकल एक्सरसाइज, पुश अप, रनिंग प्रत्येक विद्यार्थी को करनी चाहिए जिससे वे मजबूत बने। भगत ने कहा कि विद्यार्थियों पर माता-पिता की भी पढ़ाई के लिए बहुत अधिक दबाव डाला जाता है। जो गलत है उनको अपनी इस प्रवृत्ति से बचना होगा और बच्चों को फ्रीडम देनी होगी।

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