उदय सहारन ने पूरा किया पापा का सपना, नाना के निधन से पहले कही थी दिल छूने वाली बात, मां ने रोते हुए सुनाई दास्ता
अंडर-19 टीम इंडिया के कप्तान उदय सहारन (Uday Saharan) शानदार बल्लेबाज के साथ बेहतरीन फील्डर भी है। अक्सर उन्हें बचपन से ही क्रिकेट का बहुत शौक था, वो घर पर भी बॉल से तोड़फोड़ करते थे और जब घरवालों से डांट पड़ती तो वो नाराज हो जाते थे, लेकिन बस क्रिकेट की धुन थी। सिर्फ इतना ही नहीं अपने नाना के निधन से ठीक पहले हुई मुलाकात में उन्होंने नाना से कहा था- यार नानू भगवान से 2 साल की मोहलत मांग लो, मैं टीम इंडिया की जर्सी पहनकर खेलूंगा और आप मुझे बल्लेबाजी करते हुए देखेंगे। यह बात उदय सहारण की मां शालिनी ने बताया है।
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बता दें कि श्रीगंगानगर के अदय सहारण अंडर-19 टीम इंडिया के कैप्टन हैं, जो इन दिनों साउथ अफ्रीका में चल रहे वर्ल्ड कप में टीम को लीड कर रहे हैं। उदय सहारण को उनकी जिद और जुनून ने इस काबिल बनाया है। उनके संघर्ष की कहानी पर परिवार का मानना है कि उदय शुरू से ही खुद अपना मुकाम बनाना चाहते थे और उन्होंने यह कर भी दिखाया।
उदय सहारन ने पिता के सपने को पूरा किया
बता दें कि उदय सहारन के पिता डॉ. संजीव सहारण ए क्षेणी के क्रिकेट कोच हैं। डॉ. सहारन ने कहा है कि उनका सपना बहुत बड़ा क्रिकेटर बनने का था, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और वो डॉक्टर बन गए। हालांकि क्रिकेट में मुकाम नहीं मिल पाई, लेकिन उन्होंने बेटे का सपना पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। वो उदय सहारण को 10 से 12 घंटे अभ्यास करवाया। अब उनके बेटे ने अपने पिता का अधूरा सपना पूरा किया है।
डॉ. सहारन ने बताया कि उदय सहारण ने कभी किसी खिलाड़ी जैसा बनने की बात नहीं की। अक्सर कई युवा सचिन और विराट जैसा क्रिकेटर बनने की बात करते है, वो खुद का मुकाम बनाएगा। ताकि लोग उसी तरह पसंद करे जैसे विराट और सचिन को पसंद करते हैं।
घर पर बल्लेबाजी से करते थे तोड़फोड
उदय सहारन की मां शालिनी ने कहा हैं कि उदय बचपन में हमेशा घर पर बॉल से तोड़फोड़ करते थे। डांटने पर कई बार नाराज भी होते है, लेकिन उन्हें तो बस क्रिकेट की धुन थी। वो बताती हैं कि उदय हमेशा क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए ही प्रयास करते है। शालिनी ने बताया कि उदय की अपने नाना से खूब बनती थी, वो उनके साथ खेलते है। अपने नाना के निधन से ठीक पहले जब वो उनसे मिले तो बस इतना ही कहा- यार नानू गॉड से 2 साल की मोहलत मांग लो, मैं और आप साथ में क्रिकेट ग्राउंड जाएंगे, मैं इंडिया की जर्सी पहनकर खेलूंगा और आप मुझे देखेंगे। वो बताती हैं कि उदय सहारण को खुद पर इतना विश्वास था, वह अंडर-19 टीम इंडिया का कप्तान तो बना, लेकिन देखने वाले उसके नाना नहीं हैं।
पिता ही बने कोच
उदय सहारन ने क्रिकेट खेलने की शुरुआत श्रीगंगानगर की मयूर क्रिकेट एकेडमी से लगभग 12 साल की उम्र में की। उनके कोच और पिता डॉ. संजीव सहारण उन्हें अपने साथ महाराजा गंगासिंह स्टेडियम लेकर जाते थे। उन्होंने क्रिकेट खेलने की शुरुआत करीब 12 साल की उम्र में मयूर क्रिकेट एकेडमी से की।