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कांग्रेस में जल्द होगी प्रदेश के जिला अध्यक्षों की घोषणा, आज फिर वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे रंधावा

प्रदेश कांग्रेस में जिला अध्यक्षों के नामों पर जल्द फाइनल मुहर लग सकती है।
09:22 AM Feb 09, 2023 IST | Anil Prajapat
कांग्रेस में जल्द होगी प्रदेश के जिला अध्यक्षों की घोषणा  आज फिर वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे रंधावा

जयपुर। प्रदेश कांग्रेस में जिला अध्यक्षों के नामों पर जल्द फाइनल मुहर लग सकती है। संगठनात्मक नियुक्ति को लेकर बुधवार देर रात प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की प्रमुख नेताओं के साथ चर्चा हुई। कांग्रेस के 24 से 26 फरवरी को होने वाले अधिवेशन में शामिल होने वाले एआईसीसी सदस्यों के नामों को फाइनल करने के लिए संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने डोटासरा और रंधावा से करीब एक घंटे चर्चा की। राजस्थान से 50 एआईसीसी मेंबर बनाए जाएंगे, जिनकी सूची को बुधवार अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।

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आज दोबारा वेणुगोपाल से चर्चा के बाद सूची फाइनल की जाएगी। माना जा रहा है कि एआईसीसी सदस्यों के रूप में प्रदेश से जिन नामों को शामिल किया जा सकता हैं, उनमें स्वयं प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर डूडी के नाम प्रमुख हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले से ही इसमें शामिल हैं।

सोमवार को दिल्ली में केसी वेणुगोपाल से संगठनात्मक चर्चा कर कोटा और भरतपुर संभाग के जनप्रतिनिधियों से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर बैठक करने आए प्रदेश प्रभारी रंधावा की बुधवार को भरतपुर में बैठक होनी थी, लेकिन संभाग स्तरीय बैठक छोड़कर वे दिल्ली पहुंचे। वहीं दिल्ली जाने से पहले रंधावा की संगठनात्मक नियुक्तियों और एआईसीसी मेंबर्स की सूची को लेकर सीएमआर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा हुई।

साधे जाएंगे जातिगत समीकरण

जुलाई 2020 से भंग जिला कार्यकारिणी में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस एक्सरसाइज कर रही है। इसको लेकर प्रदेश प्रभारी रंधावा का कहना है कि दूसरी पार्टी से कांग्रेस में आए हुए व्यक्ति को जिलाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। साथ ही जरूरत पड़ी तो कांग्रेस के पुराने लोगो के कार्यों को देखकर मौका दिया जाएगा। रंधावा ने जिलाध्यक्षों के नाम तय करने में जातिगत समीकरण साधने पर इशारा किया है। उनका कहना है कि राजस्थान की राजनीति में जातिगत समीकरण काफी मायने रखते हैं। साथ ही पार्टी के प्रति वफादारी भी देखी जाएगी।

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