Starlink Satellite : क्या है आसमान में ट्रेन जैसी आकृति चलने वाले वीडियो का सच? जानें यहां
Starlink Satellite : यूपी, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान के कई शहरों में बीती शाम आसमान में ट्रेन जैसी आकृति की चमकीली रोशनी दिखाई देने के दावे किए जा रहे हैं। कई लोगों ने ये नजारा अपनी आंखों से देखा तो उन्हें एकबार को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। लोगों ने इस कौतूहल का वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर पोस्ट किए तो ये तेजी से वायरल होने लगे। जिससे लोगों के मन में इस ट्रेन जैसे आकार की रोशनी वाली चीज के लिए तमाम सवाल खड़े हो गए हैं। लोग ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर आसमान का यह अद्भुत नजार है क्य़ा?
एलन मस्क के Starlink Satellite है यह आकृति
दरअसल आसमान में दिखने वाली यह आकृति कोई उड़ने वाली ट्रेन नहीं बल्कि दिग्गज कार कंपनी टेस्ला और स्पेस एक्स के सीईओ एलन मस्क के भेजे हुए स्टारलिंक सेटेलाइट हैं। दरअसल एलन मस्क दो तीन महीनों में अपने फॉल्कन रॉकेट से सैटेलाइट अंतरिक्ष में छोड़ते हैं। यह रॉकेट दो स्टेज में सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ता है। धरती से छोड़े जाने के 9 महीने बाद पहला स्टेज पूरा होता है। जबकि दूसरे स्टेज में स्टारलिंक सैटेलाइट्स को धरती की निचली कक्षा में स्थापित करता है। इस स्टेज को पूरा समय होने में कुछ महीनों का वक्त लगता है। जिसके बाद वह वापस धरती पर आता है।
क्या है स्टारलिंक सैटेलाइट (Starlink Satellite)
दरअसल ये स्टारलिंक सैटेलाइट धरती से 570 किमी की ऊंचाई पर उड़ते हैं। जब इनकी प्लेट्स पर सूर्य की रोशनी पड़ती है तो ये तारे की तरह तेज रोशनी से चमकते हैं। जिससे ऐसा लगता है कि कई तारे एक साथ एक कतार में चल रहे हैं। ये कुछ इस तरह भी दिखता है जैसे रात के वक्त दूर से कोई ट्रेन दिखाई देती है। इसलिए लोग इसे आसमान में उड़ने वाली ट्रेन की संज्ञा दे रहे हैं। एलन मस्क इन स्टारलिंक सैटेलाइट को तेज इंटरनेट स्पीड के लिए लॉन्च कर रहे हैं। एलन मस्क का दावा है कि इन सैटेलाइट्स के जरिए लोगों को इंटरनेट की एक बेहतरीन स्पीड मिलेगी। इस सैटैलाइड की सुविधाओं का फायदा वर्तमान में 40 देश उठा रहे हैं,युद्ध से ग्रस्त यूक्रेन भी इसी इंटरनेट सुविधा का लाभ ले रहा है।
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