संत के बिगड़े बोल, विधायक कन्हैया लाल चौधरी पर साधा निशाना
टोंक। राजस्थान के टोंक जिले के टोरडी सागर गांव में स्थित गौशाला में आयोजित भजन संध्या में संत प्रकाश दास का एक विवादित बयान सामने आया हैं। जिसमें उन्होंने टोडारायसिंह मालपुरा विधायक कन्हैया लाल चौधरी पर जमकर निशाना साधा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें सन्त ने कहा कि जो गाय का नहीं हुआ। वह किसी का नहीं हो सकता। उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र में काफी चर्चा हो रही है।
यह खबर भी पढ़ेंं:-RPSC Paper Leak Case: भूपेंद्र सारण के आवास पर दूसरे भी गर्जे जेडीए के बुल्डोजर
यह वीडियो 2 दिन पुराना बताया जा रहा है।जिसे अब सोशल मीडिया पर अपलोड किया है। दरअसल टोरडी सागर क्षेत्र में गौशाला में भजन संध्या आयोजित की गई। जिसमें क्षेत्र के संत प्रकाश दास ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान सन्त ने अपने संबोधन के दौरान विधायक कन्हैया लाल चौधरी पर जमकर निशाना साधा।
गौशाला के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने से सन्त खफा
विधायक कन्हैया लाल चौधरी द्वारा 3 माह पूर्व टोडारायसिंह की निष्काम गौशाला को एक एंबुलेंस विधायक कोष से देने की घोषणा की थी। इस दौरान गौशाला समिति की ओर से विधायक के कई बार चक्कर काटे गए। लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली। इससे संत प्रकाश दास खफा नजर आए।
यह खबर भी पढ़ेंं:-मौसम का मिजाज… जोधपुर में हुई मावठ, दिनभर रही गलन, शाम को शुरू हुई शीतलहर
विधायक को पाकिस्तान चले जाने की नसीहत दी
भजन संध्या के दौरान संत प्रकाश दास ने विधायक पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग घोषणा करके भूल जाते हैं। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा कि उनका संदेश विधायक तक पहुंचना चाहिए कि अब चुनाव नजदीक है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कभी-कभी सिंह गीदड़ो से भी हार जाता है। इसके अलावा विधायक से कहा कि जो गौ माता का नहीं हो सकता, उसे पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
यह खबर भी पढ़ेंं:-देर रात तक बाजारों में चली पतंगों की खरीद, जयपुराइट्स आज ‘15 करोड़’ उड़ाएंगे खुले आसमान में
विधायक ने प्रयास किए लेकिन नहीं मिली स्वीकृति
गौशाला को एंबुलेंस की वित्तीय स्वीकृति के लिए विधायक कन्हैया लाल चौधरी ने जिला परिषद को अनुशंसा पत्र भेजा। विधायक चौधरी का कहना है कि इस दौरान उन्होंने कई बार प्रयास भी किए, लेकिन एंबुलेंस खरीद की वित्तीय स्वीकृति के लिए जिला परिषद ने अनुमति नहीं दी। जिला परिषद का कहना था कि उक्त संस्था का रजिस्ट्रेशन हुए 3 साल नहीं हुआ हैं। लिहाजा वित्तीय स्वीकृति नहीं दी जा सकती।