यूपी में देखने को मिला फिल्म 'बागवान' जैसा का नजारा…बेटों ने माता-पिता के बीच डलवाई फूट, 15 साल बाद फिर एक हुए बुजुर्ग दंपति
प्रतापगढ़। दो दशक पहले रिलीज हुई बॉलीवुड की चर्चित फिल्म बागवान की एक बार फिर यादें ताजा हो गईं। इस फिल्म में अभिनेता अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी को उनके बच्चे अलग कर देते है। इसके बाद दोनों ऐसे बिछड़ते कि मिलने के तरस जाते है। फिल्म के अंत में दोनों मिलते है और फिर एकसाथ रहने लगते है। ये बात तो फिल्म की थी। लेकिन, उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में ये हकीकत में नजारा देखने को मिला।
दरअसल, यहां 15 साल पहले एक दंपति बेटों की वजह से अलग हो गए थे। ऐसे में शनिवार को दोनों दंपति एक बार फिर मिले। दरअसल, शनिवार को कचहरी में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था। लोक अदालत में दोनों ने गिले शिकवे भूलकर एक-दूसरे को माला पहनाई। इसके बाद बुजुर्ग दंपती कोर्ट के बाहर आकर सीमेंट की बेंच पर बैठ गए और एक-दूसरे को निहारते हुए घंटों बातें करता रहा। फिर न्यायालय की अनुमति मिलने पर एक साथ घर गए।
जानकारी के अनुसार, कंधई इलाके के पाठक पुरवा निवासी शिवप्रसाद पाठक (80) लोकनिर्माण विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। रिटायर होने के बाद शिवप्रसाद पत्नी प्रभू देवी (75) व तीन बेटों व उनके परिवार के साथ रहने लगे। कुछ दिनों तक सब कुछ सही चलता रहा, लेकिन इसके बाद बेटों ने बुजुर्ग दंपती के बीच ऐसी फूट डाल दी कि बातचीत बंद हो गई और आए दिन विवाद होने लगा। इसके बाद शिवप्रसाद बड़े बेटे के साथ रहने लगे। वहीं उसकी पत्नी प्रभू देवी सबसे छोटे बेटे के साथ रहने लगी।
हालात इतने बिगड़ गए कि प्रभूदेवी को अपने पति के खिलाफ गुजारा भत्ता का मुकदमा करना पड़ा। परिवार न्यायालय की पहल से बीच में एक बाहर सुलह समझौता कराया गया, लेकिन कुछ दिन बाद फिर से मामला परिवार न्यायालय पहुंच गया। काफी समय से लंबित वाद निस्तारित कर बुजुर्ग दंपती के बीच सुलह समझौता कराने का प्रयास शुरू किया गया। कई दौर चली काउंसिलिंग के बाद परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुरेश आर्य को आखिरकार कामयाबी मिल गई। बुजुर्ग दंपती को राष्ट्रीय लोक अदालत से शनिवार को जिला जज अब्दुल शाहिद, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नीरज कुमार बरनवाल, नोडल सुमित पवार सहित तमाम न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे।
दंपति ने एक-दूसरे को पहनाई माला…
15 साल बाद एक फिर से साथ रहने को राजी हुए बुजुर्ग दंपती का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाई तो सभागार में मौजूद अधिवक्ताओं ने तालियां बजाकर बधाई दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला जज अब्दुल शाहिद की मौजूदगी में दंपती के बीच सुलह समझौता कराने का प्रयास सफल हुआ।
बेंच पर साथ बैठकर पुरानी यादें ताजा की…
15 साल तक एक-दूसरे से दूर रहे बुजुर्ग दंपती शनिवार को एक होने के बाद कोर्ट परिसर की एक बेंच पर जा बैठे और घंटो बतियाते रहे। पति-पत्नी एक दूसरे से पुरानी यादें साझा करते रहे। बात करते-करते दोनों की आंखें भर आईं।