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सोमवती अमावस्या: गायत्री मंत्र का जाप दूर करेगा आर्थिक परेशानी

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म और तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है
03:53 PM Feb 14, 2023 IST | BHUP SINGH

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म और तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है और उनका आशीर्वाद मिलता है। इस दिन स्नान और दान का भी महत्व है। फाल्गुन माह में अमावस्या 20 फरवरी को पड़ रही है। अमावस्या के दिन सोमवार होने से,इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है।सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है ।इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा होती है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है और जल अर्पित किया जाता है शाम के समय घी का दीपक जलाया जाता है । इसके शुभ परिणाम मिलते हैं।

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बन रहे हैं शुभ योग

सोमवती अमावस्या इस बार फाल्गुन माह में 20 फरवरी 2023 को आ रही है। इस दिन सोमवार को और शिव योग के खास संयोग बन रहे हैं।इस दिन अमावस्या होने से पूजा और तर्पण का दुगना फल मिलता है। सोमवार का दिन और शिव योग दोनों ही भोलेनाथ को समर्पित है। ऐसे में इस दिन किए मंत्रों के जाप से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और महादेव की कृपा मिलती है।इस दिन विशेष मंत्रों का जाप बहुत फलदायी होता है।

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ये करें काम

-सोमवती अमावस्या का दिन पूजा और स्नान ,दान के लिए विशेष होता है। इस दिन पांच माला गायत्री मंत्र का जाप करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
-सोमवती अमावस्या के दिन शिव का पंचामृत से स्नान करायें। शिवलिंग पर दूध,दही,घी,शक्कर,शहद से रुद्राभिषेक करें।इससे शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन ओम नम:शिवाय की कम से कम 108 माला का जाप करें।
-इस दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करने भोलेनाथ की कृपा मिलती है।
-अमावस्या पर पीपल के वृक्ष पर कच्चा सूत 108 बार लपेटते हुए परिक्रमा करनी चाहिए।इससे भगवान शिव की कृपा हर मनोकामना पूरी होती है।
-ज्योतिषियों के अनुसार अमावस्या पर पांच तरह के फल भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को अर्पित करें।इसके बाद इन फलों को छोटी बच्चियों या कन्याओं को दान कर दें।

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