Smartwatch हो सकता है आपकी सेहत के लिए हानिकारक, एक व्यक्ति को इस घड़ी ने पहुंचाया अस्पताल
इन दिनों स्मार्टवॉच(Smartwatch) का हर कोई इस्तेमाल कर रहा है। करे भी क्यों नहीं इसमें इतने तरह के फीचर्स जो होते हैं। लगभग हर स्मार्ट वॉच में फिटनेस ट्रैकर के साथ-साथ हार्ट रेट मॉनिटर फीचर भी होता है। ये फीचर्स आपकी सेहत से जुड़ी कई चीजों के बारे में बता देते हैं। लेकिन अब डॉक्टरों ने इस स्माॉर्ट वॉच के उपयोग पर चेतावनी दी है। डॉक्टरों का कहना है कि, स्मार्टवॉच लोगों में बुरे मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा कर सकता है। इसकी एक वजह ये है कि, लोग अपनी सेहत के लिए पूरी तरह से अब इस गेजेट पर निर्भर हो गए हैं।
दरअसल, हाल ही में एक 27 साल के व्यक्ति का केस सामने आया है। इस व्यक्ति को पहले तो कोई तो कोई बीमरी नहीं थी, लेकिन फिर भी उसे स्मार्टवॉच की वजह से तनाव और घबराहट का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उस व्यक्ति ने अपनी स्मॉर्ट बॉच पर और भी ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया। इसके बाद उसकी छाती में दर्द रहने लगा।
डॉक्टरों ने की जांच
इसके बाद उसे अपने दिल की रफतार पर शक हुआ और उसने अस्पताल में जांच करवाई जहां जांच में पता चला कि स्मार्टवॉच का इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम और 12 लीड इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम यानी (ECG) बिल्कुल समान है। इसका मतलब ये है कि स्मार्टवॉच और ECG की रिपोर्ट बिल्कुल ठीक थी, जो ये बता रही थी कि व्यक्ति पूरी तरह से नॉर्मल है और उसे किसी तरह की दिल संबंधी पेरशानी नहीं है।उसे काफी देर तक समझाने बुझाने और आश्वासन देने के बाद डिस्चार्ज किया गया।डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसे कोई भी बीमारी नहीं है। साथ ही कहा कि उसे आगे भी इलाज की जरूरत नहीं होगी।
दिल के दौरे से लगता था डर
अक रिपोर्ट के मुताबिक, इस व्यक्ति ने हार्ट हेल्थ’ को ट्रैक करने के लिए स्मार्टवॉच तब खरीदी थी, जब डेनिश फुटबॉलर क्रिश्चियन एरिक्सन को एक मैच के दौरान कार्डियक अरेस्ट हुआ था। अपनी सेहत के लिए घबराया हुए इस इंसान अपने हार्ट पर स्मॉर्ट वॉच के द्वारा नजर रखने लगा। डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में छात्र बहुत ही परेशान दिखाई दिया। उसमें चिंता और घबराहट जैसे लक्षण दिखाई दे रहे थे। इमरजेंसी डिपार्टमेंट में आगे की जांच में पाया गया कि छात्र का हार्ट रेट 88 बीट प्रति मिनट (बीपीएम) यानी नॉर्मल था और दिल से संबंधित कोई भी समस्या नहीं थी।
स्मार्टवॉच (Smartwatch) सेहत के लिए है हानीकारक
साल 2016 में हुए एक रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों ने एक साल तक स्मार्टवॉच पहनने वाले लोगों के वेट और ब्लड प्रेशर में कोई बदलाव नहीं देखा गया बल्कि उनकी सेहत थोड़ी खराब ही पाई गई। द लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट ने कहा कि ट्रैकर्स का फीचर होने के बावजूद इस बात के काफी कम सबूत हैं कि स्मार्टवॉच हेल्थ में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।