Manipur Violence : मणिपुर में सुधर रहे हैं हालात, RJD ने राष्ट्रपति शासन लगाने की उठाई मांग
इम्फाल। मणिपुर में आदिवासी आंदोलन (Manipur Violence) के दौरान उपजी हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो चले हैं। यहां लोग लोगों को बाहर निकलने का थोड़ा समय दिया जा रहा है। कर्फ्यू में कुछ घंटे घंटों के लिए ढील दी गई है। जिससे लोग अपने जरूरी काम और सामान लेने के लिए बाहर जा रहे हैं।
आज पेट्रोल पंप के बाहर कई लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली। इधर RJD यानी राष्ट्रीय जनता दल ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। सांसद मनोज कुमार झा ने बीती 5 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस संबंध में एक लेटर लिखा है। जिसमें उन्होंने मणिपुर के हालातों का जिक्र किया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
Manipur Violence के बाद हर मूवमेंट पर गृहमंत्री अमित शाह की नजर
गृहमंत्री अमित शाह ने कल अपने कर्नाटक दौरे को रद्द कर दिया था। वह लगातार रक्षा संबंधित शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में हैं। मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह से लगातार फोन पर बातचीत कर दिशा निर्देश दे रहे हैं और खुफिया एजेंसियों को जरूरी जानकारी साझा करने को कह रहे हैं।
10 हजार सुरक्षाबलों की तैनाती
गौरतलब है कि मणिपुर (Manipur Violence) में सेना और असम राइफल्स के 10 हजार सैनिकों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही सीआरपीएफ और बीएसएफ सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 20 नई कंपनियां भी भेजी गई है। ट्रेनों का संचालन तो कल ही रद्द कर दिया गया था। साथ ही इंटरनेट बंदी अभी भी जारी है।
13 हजार लोगों को किया गया रेस्क्यू, 1 हजार लोगों ने असम किया पलायन
इन 3 दिनों में सेना और असम राइफल्स ने करीब 13000 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। मणिपुर में हिंसा ग्रस्त माहौल को देखते हुए करीब 1000 लोग मणिपुर से पलायन कर असम के कछार जिले में जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने शरणार्थियों के लिए खाने -पीने, रहने का इंतजाम किया है। कुछ लोगों को स्कूलों-कॉलेजों में भी ठहराया गया है। सब से राहत की बात यह है कि स्थानीय लोग भी इनकी मदद कर रहे हैं।