झोपड़ी में आग लगने से जिंदा जलीं 9 महीने और 6 साल की बहनें, 50 फीट की दूरी पर खेत में काम कर रहे थे माता-पिता
जालोर के रानीवाड़ा में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक खेत में बनी झोपड़ी में संदिग्ध कारणों से आग लग गई। जिसमें 6 साल और 9 महीने महीने की बहने जिंदा जल गईं। घटना के वक्त उनके माता-पिता और 4 साल का भाई खेत में काम कर रहे थे।
झोपड़ी में सो रही थीं दोनों बहनें
घटना करीब सुबह 9:00 बजे की है। रामपुरा ग्राम पंचायत के वक्तापूरा गांव में रामाराम चौधरी के खेत में रमेश अपनी पत्नी पार्वती के साथ एक झोपड़ी बनाकर रहता है। इसी खेत में वह काम भी करता है। रोज की तरह सुबह वह झोपड़ी से 50 से 60 फीट की दूरी पर अपनी पत्नी और 4 साल के बेटे के साथ काम कर रहा था और उसकी दो बेटियां 6 साल की भानु और 9 महीने की बसंती झोपड़ी में सो रही थी।
तभी झोपड़ी में आग की लपटें उठती दिखाई दी । आग लगती देखकर दोनों माता-पिता भागकर झोपड़ी के पास पहुंचे और चीखने लगे। चीख-पुकार सुनकर गांव के और खेत में काम कर रहे किसान भी दौड़ कर पहुंचे। उन्होंने आपको बुझाने की बहुत कोशिश की लेकिन काबू नहीं पाया जा सका। इधर पुलिस को सूचना दी गई तब रानीवाड़ा थाने के हेड कॉन्स्टेबल और भू अभिलेख निरीक्षक रमेश कुमार अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे। तब आप बुझाने का प्रयास किया गया लेकिन तब तक दोनों बच्चियां जिंदा जल गई थी।
गर्मियों में काश्तकारों के लिए बनवाएं पक्के घर
पुलिस ने दोनों बच्चियों का अंतिम संस्कार करवाया। इधर बड़गांव ग्राम पंचायत के सरपंच करिश्मा देवड़ा ने कहा कि रमेश की झोपड़ी कच्ची थी। किसी वजह से उसमें आग लग गई। गर्मियों के दिन हैं घास गर्मी पाकर आग पकड़ लेती है। खेत के मालिकों को चाहिए कि काश्तकारों के लिए पक्के मकान बनाए जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।