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Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि पर इस समय करें घट स्थापना, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

नवरात्रि पर्व, मां दुर्गा की भक्ति और शक्ति पूजा के साथ नौ दिन तक मनाया जाता है। नवरात्रों में मां देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और नवें दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है।
08:59 AM Oct 15, 2023 IST | Kunal Bhatnagar
नवरात्रि पर्व, मां दुर्गा की भक्ति और शक्ति पूजा के साथ नौ दिन तक मनाया जाता है। नवरात्रों में मां देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और नवें दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है।

Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि पर्व, मां दुर्गा की भक्ति और शक्ति पूजा के साथ नौ दिन तक मनाया जाता है। नवरात्रों में मां देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और नवें दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। नवरात्र वर्ष में दो बार आते हैं - विक्रम संवत के पहले दिन, चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक चैत्र नवरात्र और छह महीने बाद, आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से महानवमी तक शारदीय नवरात्र आते हैं।

शुभ मुहूर्त क्या होगा

इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर रविवार से शुरू हो रही है। ऐसे में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:21 बजे से 10:12 बजे तक रहेग। वहीं, घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.44 बजे से 12.30 बजे तक रहने वाला है।

घट स्थापना नियम

शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से स्थापित किया गया कलश साधक के परिवार में सुख-समृद्धि और आरोग्य लाता है। घट स्थापना के लिए आप मिट्टी, सोने, चांदी या तांबे के कलश का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन, इनके स्थान पर लोहे या स्टील के कलश का उपयोग करना शुभ नहीं माना जाता है।

घाट स्थापना से पहले जरुर करें ये काम

इन बातों का रखें ध्यान

कलश स्थापित करते समय दिशा का ध्यान रखना जरूरी है। कलश स्थापना के लिए आप घर की पूर्व या उत्तर दिशा का चयन कर सकते हैं। क्योंकि ये दिशाएं वास्तु की दृष्टि से भी बहुत शुभ मानी जाती हैं।

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