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सिम कार्ड बेचने के बदल गए हैं सारे नियम, यहां जानें अपडेट नहीं उठाना पड़ सकता है नुकसान

देश में बढते साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए अब केंद्र सरकार ने बढ़ा एक्शन लिया है। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैश्नव ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि 'थोक में सिम कार्ड बेचने के लिए सिम डीलरों का पुलिस सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा।'
03:36 PM Aug 18, 2023 IST | Kunal bhatnagar

जयपुर। देश में बढते साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए अब केंद्र सरकार ने बढ़ा एक्शन लिया है। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैश्नव ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि 'थोक में सिम कार्ड बेचने के लिए सिम डीलरों का पुलिस सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा।'

इस कदम के बाद फर्जी सिम कार्ड की बिक्री और एक ही नाम या आईडी पर कई सारे सिम कार्ड बेचने पर रोक लगेगी। सरकार के द्वारा लाए इस नियम से गलत तरीके से सिम कार्ड बेचने वाले गिरोह पर नकेल कसेगी।

सरकार द्वारा जारी की नई गाइडलाइन

सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन के अनुसार अब बिना पुलिस वेरिफिकेशन के सिम कार्ड बेचने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना वसूल किया जाएगा। दूरसंचार मंत्री के मीडिया को दिए बयान के अनुसार देश में करीब 10 लाख सिम कार्ड डीलर हैं जिन्हें पुलिस वेरिफिकेशन के प्रोसेस से गुजरना होगा। इसके अलावा डीलर को अपने बिजनेस की केवाईसी करानी होगी।

सत्यापन के लिए 12 महीने की अवधि

सरकार ने मौजूदा विक्रेताओं के लिए पंजीकरण मानदंडों का पालन करने के लिए 12 महीने का समय देने की घोषणा की है। उस सिस्टम को लागू करना का मुख्य उद्देश्य देश में बढ रहे साइबर फार्ड के मामलों को रोकना है। इस नियम से देश में गलत तरीके से सिम बेचने वाले विक्रेताओं की पहचान कर उनको ब्लेकलिस्टेड करने में मदद मिलेगी।

अब तक सरकार कर चुकी है बड़े स्तर पर कार्रवाई

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने बयान में कहा कि संचार साथी पोर्टल लॉन्च होने के बाद से सरकार ने अब तक कार्रवाई करते हुए 52 लाख मोबाइल कनेक्शनों को बंद कर दिया हैं और 67 हजार डीलरों के नाम ब्लैकलिस्ट कर दिए गए हैं।

इस तरह के मामलों पर कार्रवाई करते हुए मई 2023 के बाद से अब तक सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ 300 FIR भी दर्ज की हैं। वही कार्रवाई करते हुए संचार साथी पोर्टल के माध्यम से चोरी हुए 17000 हैंडसेटों को ब्लॉक किया हैं।

इसके साथ ही 66000 व्हाट्सएप अकाउंट भी ब्लॉक कर दिए गए हैं, जो धोखाधड़ी मामले में शामिल थे। वहीं, 3 लाख मोबाइल को लोकेट किया जा चुका है।

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