उदयपुर में धारा 144 से सुलगी सियासत, भाजपा ने बताया तुगलकी फरमान, कांग्रेस ने कहा- दंगे नहीं होने से बौखलाए
उदयपुर के कलेक्टर के 5 अप्रैल से दो महीने तक धारा 144 लगाने के फैसले पर सियासत सुलग गई है। कलेक्टर ने अपने आदेश में यह भी कहा है किसी तरीके से धार्मिक ध्वज या झंडे सार्वजनिक और निजी स्थानों पर नहीं लगाए जाएंगे। इसे लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को टारगेट करना कांग्रेस की परमानेंट पॉलिटिकल पॉलिसी है। ये भगवा ध्वज के विरोधी हैं।
शेखावत ने कहा कि अब उदयपुर में धार्मिक ध्वज लगाने के लिए प्रशासन से आज्ञा लेनी होगी। क्रोनोलॉजी समझिए कि बागेश्वर धाम की धर्मसभा के बाद यह निषेधाज्ञा जारी हुई है, यानी विशेष तौर पर यह आदेश भगवा ध्वजों के लिए है। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी ने कहा कि मेवाड़ में महाराणा प्रताप ने भगवा पताका लेकर मुगलों को परास्त किया। कभी समझौता नहीं किया, बल्कि संघर्ष किया।
उन्होंने मेवाड़ को कभी प्राधीन नहीं होने दिया। उस भगवा पताका को लगाने के लिए उदयपुर में प्रतिबंध लगाने का फैसला पूरी तरह गलत है। उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि प्रदेश सरकार का फिर तुगलकी फरमान आया है, गहलोत सरकार का तुष्टीकरण का एक बार फिर से चेहरा उजागर हुआ है।
भाजपा दंगे कराने में कामयाब नहीं हो पाई: खाचरियावास
उदयपुर में धारा 144 लगाने पर भाजपा की ओर से कांग्रेस सरकार पर उठाए गए सवालों और आरोपों पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पलटवार करते हुए उदयपुर कलेक्टर की ओर से धारा 144 लगाने और सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक प्रतीक लगाए जाने पर रोक के मामले को संवैधानिक अधिकार बताया।
खाचरियावास ने कहा कि भाजपा के पेट में दर्द इसलिए हो रहा है कि वो न तो रामनवमी के दिन पिछली बार की तरह दंगे करवाने में कामयाब हो सकी और ना ही हनुमान जन्मोत्सव पर भाजपा दंगे करवा पाई। जब दंगे की प्लानिंग फे ल हो गई तो अब इन आरोपों से भाजपा मेवाड़ की धरती पर के वल माहौल बिगाड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि जो भी आदमी धर्म, जाति के नाम पर कानून हाथ में लेकर दंगे फैलाएगा, उसे बंद करेंगे। क्योंकि कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसे पॉजिटिव तरीके से देखना चाहिए।