वैज्ञानिकों ने किया शोध, पंजों से कई काम करते थे डायनासोर
डायनासोर के वैज्ञानिकों को जैसे- जैसे नए जीवाश्म मिलते जा रहे हैं, उनके बारे में कई रहस्य खुलते भी जा रहे हैं। हाल ही में हुए नए अध्ययन में उन्होंने डायनासोर के पंजों का अध्ययन कर नए नतीजे निकाले हैं जो कुछ चौंकाने वाले हैं। इनसे पता चला है कि डायनासोर अपने पंजों का कई कार्यों में इस्तेमाल करते थे। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल और बीजिंग के द इंस्टीट्यूट ऑफ वर्टिबरेट पेलेओंटोलॉजी एंड पेलेओएंथ्रोपोलॉजी के शोधकर्ताओं की टीम ने दर्शाया है कि कई डायनासोर तो पंजों उपयोग केवल दिखावे के लिए करते थे।
साथी को आकर्षित करने के लिए भी
सभी थेरिनजिनोसॉरस के पंजे लड़ने के लिहाज से बेकार नहीं थे, बल्कि कई के संबंधी तो पेड़ों पर अटकने के लिए पंजों की सहायता लिया करते थे। शोध में पाया गया कि ज्यादा बड़े पंजे किसी भी जानवर में यांत्रिक तौर अनुपयोगी ही रहते हैं इसलिए बड़े पंजे साथी को आकर्षित करने या फिर दिखावे के तौर पर इस्तेमाल करते होंगे। अल्वरेजसॉरस अपने पंजों से जमीन खोद कर चींटिंयां और दीमक खाया करते थे। ये क्रिटेशियस काल के अंत तक सबसे पतले डायनासोर थे।
जमीन भी खोदते थे डायनासोर
अध्ययन में पाया गया है कि डायनासोर अपने पंजों का इस्तेमाल जमीन खोदने के लिए भी करते थे। इस अध्ययन में दो तरह के थेरोपॉड डायनासोर पर ध्यान केंद्रित किया गया जो कि अल्वारेजसॉरस और थेरिजिनोसॉरस नाम के समूह हैं। विशालकाय थेरिजिनोसॉरस के पंजे ज्यादा बड़े होते थे, जो कि दिखने में हंसिए की तरह नजर आते थे। लेखक जीचुआन क्विन ने एक नई कम्प्यूटरीकृत बायोमैकेनिक तरीकों का उपयोग किया।
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