30 हजार सांपों को बचाया, पीएम मोदी ने किया मन की बात में जिक्र, कौन है पुष्कर के सुखदेव भट्ट, जानिए
Sukhdev Bhatt of Pushkar: 24 सितंबर को 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया है। आज 'मन की बात' कार्यक्रम के 105वें एपिसोड में पीएम मोदी ने राजस्थान के पुष्कर का जिक्र भी जिक्र किया। राजस्थान के पुष्कर में जानवरों को बचाने की कोशिश के तहत 'ऑपरेशन कोबरा' चलाया जा रहा है। राजस्थान में साँपों की संख्या बहुत अधिक है, लेकिन कई सांप हादसों का शिकार हो रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सांपों की जान कैसे बचाई जाए यह चिंता का विषय बन गया। जिसके बाद 'ऑपरेशन कोबरा' को लॉन्च किया गया।
क्या है पुष्कर में 'ऑपरेशन कोबरा'?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में पुष्कर के ऑपरेशन कोबरा का जिक्र किया। पिछले कुछ वर्षों में देश में शेर, बाघ, तेंदुओं और हाथियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। कई अन्य प्रयास भी लगातार चल रहे हैं, ताकि इस धरती पर रहने वाले अन्य जानवरों को बचाया जा सके। ऐसा ही एक अनोखा प्रयास राजस्थान के पुष्कर में भी किया जा रहा है।
यहां वन्यजीवों को बचाने के लिए सुखदेव भट्ट और उनकी टीम मिलकर काम कर रही है। इस ऑपरेशन के तहत अलग-अलग इलाकों में घायल जानवरों को बचाया जाता है और फिर उनका इलाज किया जाता है। ताकि उसकी जान बचाई जा सके।
सुखदेव भट्ट की टीम ने बचाया 30 हजार सांपों को
पीएम मोदी ने किया पुष्कर की एक टीम के नाम लेते हुए सुखदेव भट्ट और उनकी टीम का जिक्र किया। 'ऑपरेशन कोबरा' के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक खतरनाक नाम है क्योंकि उनकी टीम इस इलाके में खतरनाक सांपों को रेस्क्यू करने का काम भी करती है।
इस टीम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हैं, जो एक कॉल पर मौके पर पहुंच जाते हैं और अपने मिशन में जुट जाते हैं। सुखदेव की यह टीम अब तक 30 हजार से ज्यादा जहरीले सांपों की जान बचा चुकी है। इस प्रयास से जहां लोगों पर खतरा दूर हो गया है, वहीं प्रकृति का संरक्षण भी हो रहा है। यह टीम अन्य बीमार जानवरों की सेवा के काम में भी जुटी हुई है।
पीएम मोदी ने जानवरों पर जताई चिंता
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि मेरे परिवार के सदस्यों और हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि 'जीवेषु करुणा चापि, मैत्री तेषु विधियातम' यानी प्राणियों पर दया करो और उन्हें अपना मित्र बनाओ। हमारे अधिकांश देवी-देवताओं के वाहन पशु-पक्षी हैं।
कई लोग मंदिर जाकर भगवान के दर्शन तो कर लेते हैं, लेकिन उन पर सवार जानवरों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। ये जानवर न केवल हमारी आस्था के केंद्र में बने रहने चाहिए, बल्कि हमें हर संभव तरीके से उनकी रक्षा भी करनी चाहिए।