राजस्थान के सबसे अमीर मंदिर के दानपात्र खुले, करोड़ों में आया चढ़ावा
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ के आराध्य देव के रूप में पूजे जाने वाले प्रभु सांवलिया जी सेठ मंदिर में गुरुवार चौदस के दिन सांवरिया सेठ का भंडार खोला गया। मंदिर बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी कैलाश चंद्र दाधिच ने बताया कि भंडार से 6 करोड़ 60 लाख 35 हजार रुपये राशि की गिनती की गई। दान राशि की शेष गणना आगामी दिनों में दो-तीन राउंड में की जाएगी। इधर, क्षेत्र के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर बुधवार को अन्य मंदिरों के दानपेटी भी खोले गए। सांवलिया सेठ के मंदिर में राजभोग आरती के बाद मंदिर की दान पेटी खोली गई।
नोटों की गणना मंदिर मंडल अध्यक्ष भैरू लाल गुर्जर तहसीलदार गुणवंत लाल माली सदस्य शंभूलाल सुथार ममतेश शर्मा अशोक शर्मा भैरू लाल सोनी लाल पाटीदार के अलावा प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर कालू लाल तेली महावीर, सह सुरक्षा प्रभारी राम, सह लहरी लाल गाडरी की उपस्थिति में मंदिर कार्मिक को तथा बैंक कर्मियों ने नोटों की गणना की। मंदिर मंडल के रोकड़िया टेलर ने बताया कि शेष नोटों की गणना अमावस्या के बाद दिनों में की जाएगी।
भगवान को सेठों के सेठ की दी गई उपाधि…
बता दें कि मेवाड़ के आराध्य देव के रूप में पूजे जाने वाले प्रभु सांवलिया जी सेठ प्रदेश के सबसे अमीर भगवानों में से एक है।
यहां पर हर महीने करोड़ों रुपये का चढ़ावा आता है। इसके साथ ही विदेशी मुद्रा और सोने-चांदी की वस्तुएं भी भक्त यहां पर भेंट करते हैं। भगवान सांवलिया के मंदिर परिसर में बने खुले चौक में इन करोड़ों रुपए की गणना मंदिर परिसर के सदस्यों द्वारा की जाती है। हर महा चतुर्दशी के मौके पर इस भंडारे को खोला जाता है। सांवलिया सेठ मंदिर में कई एनआरआई श्रद्धालु भी आते हैं। विदेशी श्रद्वालु सांवलिया जी को डॉलर, अमरीकी डॉलर, पाउंड, दिनार, रियॉल आदि के साथ कई देशों की मुद्रा भी चढ़ाते हैं।