संजीवनी मामला : शेखावत पर कोर्ट के फैसले पर बोले सीएम गहलोत, जब आरोपी नहीं थे तो रीलीफ क्यों मांगा
जयपुर। संजीवनी घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गजेंद्र सिंह शेखावत को हाईकोर्ट से राहत मिलने पर बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि शेखावत अब तक तो कह रहे थे कि वह इस मामले में आरोपी ही नहीं है लेकिन जब आरोपी नहीं है तो फिर हाईकोर्ट क्यों गए।
पीएम मोदी इन्हें बर्खास्त क्यों नहीं करते ?
गहलोत ने कहा कि अपनी गिरफ्तारी से शेखावत ने रिलीफ क्यों मांगा। एक केंद्रीय मंत्री का इस तरह का काम शर्मनाक है। मुझे तो काफी गुस्सा आ रहा है। प्रधानमंत्री का उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए। आखिर वह क्यों नहीं निलंबित करते। गजेंद्र सिंह शेखावत उनके परिवार के सदस्य और नजदीकी लोग यह सभी संजीवनी मामले में आरोपी हैं।
सीएम गहलोत ने कहा कि उन्हें पीड़ित लोगों का पैसा चुकाना चाहिए जो विदेशों में उनके संपत्ति है उसे बेचकर पीड़ितों को उनके रुपए वापस लौटा देना चाहिए। इधर जानकारी मिली है कि सरकार ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की संपत्तियां सीज करने के काम शुरू कर दिया है।
शेखावत की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक
बता दें कि संजीवनी घोटाले मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री शेखावत की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। जस्टिस कुलदीप माथुर ने राजस्थान पुलिस और एसओजी को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश दिए है।
राजस्थान हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से सीनियर अधिवक्ता महेश जेठमलानी और अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह दासपा ने पक्ष रखा। वहीं, राज्य सरकार की ओर से सीनियर अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा, सीनियर अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और एएजी अधिवक्ता अनिल जोशी ने पैरवी की।