सैनी समाज का आंदोलन: रात 12 बजे हुआ मोहन सिंह का अंतिम संस्कार, आंदोलनकारी अभी भी हाईवे पर डटे
भरतपुर। राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर सैनी समाज का आंदोलन पिछले 10 दिनों से जारी है। 25 अप्रैल को भरतपुर में सैनी आरक्षण आंदोलन के दौरान आंदोलन स्थल अरोदा गांव के पास चह गांव में नेशनल हाईवे-21 के किनारे सुसाइड करने वाले आंदोलनकारी मोहन सिंह (48) का शव को परिजनों को सौंपा।
भारी पुलिस फोर्स के साथ मोहन सिंह के शव को गांव लेकर पहुंचे। 12 बजे भारी पुलिस जाप्ते के बीच हलैना के मूडिया गंधार गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस प्रशासन को डर था कि आंदोलनकारी कहीं शव को लेकर हाईवे पर ना बैठ जाए। इसलिए देर रात पुलिस की मौजूदगी में आनन-फानन में मोहन सिंह का अंतिम संस्कार करवा दिया गया।
बता दें कि भरतपुर जिले में रविवार को 10वें दिन भी जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर गांव अरोदा के पास चक्का जाम और धरना प्रदर्शन जारी है। आरक्षण की मांग पर सुसाइड करने वाले आंदोलनकारी मोहन सिंह सैनी के शव का शुक्रवार देर रात को ही पोस्टमार्टम पुलिस प्रशासन ने परिजनों की मौजूदगी में करा दिया था, लेकिन उसकी डेड बॉडी को परिजनों को नहीं सौंपी। प्रशासन को डर था कि कहीं डेड बॉडी को लेकर परिजन आंदोलन स्थल पर न ले जाएं। इसलिए डेड बॉडी प्रशासन ने नहीं दी। प्रशासन के लिए डेड बॉडी 2 दिन तक गले की फांस बनी रही।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शनिवार को परिजनों और प्रतिनिधिमंडल सहित जिला कलेक्टर एसपी और आईजी के बीच वार्ता होती रही, लेकिन वार्ता सफल नहीं हो सकी। प्रशासन अड़ा रहा की डेड बॉडी दे देंगे, लेकिन पहले हाईवे खाली करो। आंदोलनकारी इस पर सहमत नहीं हुए। जिसको लेकर शनिवार सुबह 11 बजे से दोपहर तक एसपी ऑफिस भरतपुर में शव सौंपने को लेकर परिजनों समेत समाज के 6 प्रतिनिधियों से रेंज आईजी गौरव श्रीवास्तव, कलेक्टर आलोक रंजन और एसपी श्यामसिंह की वार्ता चली जो सफल नहीं हो सकी।
इसके बाद शनिवार देर रात नेशनल हाईवे पर स्थित अंजली होटल पर प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच वार्ता हुई। आईजी गौरव श्रीवास्तव वार्ता में शामिल रहे। प्रशासन ने निर्णय लेते हुए रात 10 बजे मृतक की डेड बॉडी परिजनों को सौंप दी। परिजन मोहन सिंह का शव लेने के लिए दोपहर से रात 10 बजे तक आरबीएम (राज बहादुर मेमोरियल) हॉस्पिटल की मोर्चरी के बाहर बैठे रहे। प्रशासन से रात 10 बजे बाद शव पुलिस को सौंपा। इसके बाद पुलिस जाप्ते के बीच ही मोहन सिंह के शव को उनके गांव हलैना के मूडिया गंधार गांव ले जाया गया। पुलिस प्रशासन ने शनिवार रात 11.30 बजे शव का अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा।
इससे पहले शनिवार देर शाम रेंज आईजी गौरव श्रीवास्तव ने परिजनों को शव सौंपने से इनकार करते हुए रविवार को हल निकलने की बात कही थी। आईजी ने कहा था कि हालात अनुकूल नहीं होने के कारण बॉडी नहीं दी जा रही। शायद रविवार को सहमति बने बात बन जाए। प्रशासन आश्वस्त होना चाहता है कि डेडबॉडी को आंदोलन स्थल न ले जाया जाए। जबकि कुछ आंदोलनकारी बॉडी को अरोदा ले जाकर श्रद्धांजलि देना चाहते हैं।
आंदोलन रहेगा जारी, कल जयपुर में होगी सरकार से वार्ता…
रविवार को आंदोलन का 10वां दिन है। वहीं अब मोहन सिंह का अंतिम संस्कार हो चुका है। मृतक आंदोलनकारी मोहन सिंह सैनी के शव का दाह संस्कार होने के बाद आंदोलनकारी अभी भी हाईवे पर डटे हुए हैं। आंदोलनकारी एक मई को वार्ता के लिए जयपुर जाएंगे और उसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। ऐसे में नेशनल हाईवे खाली किया जाएगा या आंदोलन चलता रहेगा, इस पर सरकार और प्रशासन नजर बनाए हुए है।