सचिन पायलट ने अनशन कर सीधे आलाकमान को दी चुनौती, क्या आज एक्शन लेगी कांग्रेस?
Sachin Pilot : जयपुर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पार्टी की चेतावनी को दरकिनार करते हुए पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को एक दिवसीय ‘अनशन’ किया। जयपुर के शहीद स्मारक पर सचिन पायलट पांच घंटे के अनशन के बाद पायलट ने कहा कि सरकार को जिस भ्रष्टाचार के मामले में जांच करनी थी, उसे ध्यान में लाने के लिए अनशन किया है। कांग्रेस के पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिए जाने के बावजूद पायलट ने यह कदम उठाकर आलाकमान को खुली चुनौती दे दी है। संगठन ने फिलहाल इस मामले में चुप्पी साधी हुई है, लेकिन आलाकमान पूरे घटनाक्रम से बेहद नाराज है और आगे की रणनीति तय करने में जुटा है।
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि अकेले उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होनी है। सब कुछ आलाकमान तय करेगा। माना जा रहा है कि आज राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के वायनाड दौरे से लौटने के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में चर्चा के बाद आलाकमान आगे का एक्शन तय करेगा। पायलट ने बगावती तेवर ऐसे समय दिखाए हैं, जब पूरी पार्टी कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर फोकस बनाए हुए हैं। कर्नाटक में कांग्रेस मजबूत नजर आ रही है, लेकिन इस घटनाक्रम से पार्टी को वहां नुकसान हो सकता है। ऐसे में आलाकमान सब पहलुओं पर विचार कर कदम उठाएगा। उधर देर शाम सचिन नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
बिना हाथ का साथ लिए दिखाई ताकत
बिना हाथ के साथ और आलाकमान के पोस्टर के बैनर के नीचे सचिन पायलट ने अनशन किया जिसमे बड़ी संख्या में समर्थक जुटाकर पार्टी को अपनी ताकत दिखाई। इसमें कांग्रेस से विधानसभा, लोकसभा के कई उम्मीदवार, पूर्व पीसीसी पदाधिकारी सहित कांग्रेस नेता मौजूद रहे, लेकिन पायलट समर्थक विधायक आलाकमान के डर चलते अनशन में शामिल नहीं हुए। हालांकि इन विधायकों ने पर्दे के पीछे से भीड़ जुटाने में मदद की। वहीं अनशन के बाद पायलट ने कार की छत पर चढ़कर समर्थकों का अभिवादन करते हुए मुट्ठी बंदकर अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने का संदेश दिया।
राहुल गांधी के मुद्दे को सचिन ने बनाया ‘ढाल’
भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अपनी पार्टी की सरकार के खिलाफ मुखर हुए सचिन ने राहुल गांधी के केंद्र सरकार के खिलाफ उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे को आधार बनाया। पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि बताए जाने को लेकर पायलट ने कहा कि यह बात संगठन से जुड़ी हुई नहीं है। राहुल गांधी ने भी करप्शन के मुद्दे पर ही जेपीसी की मांग की है। पायलट ने कहा कि 4 साल से लगातार हम यही उम्मीद कर रहे थे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब अनशन के बाद उम्मीद करता हूं कि सरकार भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करेगी। पायलट ने कहा कि हमने बीजेपी के करप्शन को हर राज्य में उजागर किया है। ऐसे में उम्मीद है कि दीमक की तरह खोखला करने वाले करप्शन को राजस्थान में भी खत्म किया जाएगा।
पूर्व पदाधिकारियों से पहले हुई थी चर्चा
पार्टी विरोधी कदम उठाने के मामले में पायलट ने कहा कि जिन आरोपों की जांच लिए सीएम को दो बार पत्र लिखा। उसके बारे में पूर्व पदाधिकारियों से चर्चा की थी। रंधावा कुछ दिन पहले प्रभारी बने हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम चाहते हैं कि देश प्रदेश में स्वच्छ राजनीति हो, इसे लेकर हम आगे भी कार्रवाई करते रहेंगे।