ED के एक्शन पर राजस्थान में बवाल, जानें कैसे काम करती है ईडी? किस के आदेश पर डालती है रेड?
ED Action in Rajasthan: राजस्थान में चुनावों से पहले एक बार ईडी की कार्रवाई हुई है। जहां गुरुवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर छापेमारी कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि ईडी की टीम राजस्थान में पिछले साल हुए पेपर लीक मामले को लेकर पूछताछ कर रही है।
वहीं, जानकारी के मुताबिक ईडी की टीम पेपर लीक मामले में डोटासरा के सहित उनके रिश्तेदारों के घर पहुंचकर भी पूछताछ कर रही है। जिसके बाद से ईडी की कार्य प्रणाली पर चर्चा हो रही है। आपने भी आजकल ईडी का नाम कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह क्या है और कैसे काम करती है? तो आइए जानते हैं
क्या है ED का कार्य
सामान्य भाषा में कहें तो प्रवर्तन निदेशालय या ईडी एक जांच एजेंसी है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन से संबंधित अपराधों की जांच करती है। ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए), विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा), भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (एफईओए), विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 (एफईआरए) जैसे कानूनों के तहत काम करती है।
कैसी है ED की संरचना
ED की संरचना की बात करें तो इसमें एक निदेशक होता है और उसके साथ एक संयुक्त निदेशक (AOD) होता है। इसके बाद उनके नीचे 9 विशेष निदेशक होते हैं, जिन्हें देश के अलग-अलग जोन और मुख्यालय, खुफिया विभाग आदि के आधार पर बांटा गया है। इसके बाद उनके नीचे कई संयुक्त निदेशक, उप निदेशक आदि होते हैं और फिर अलग-अलग अधिकारी होते हैं।
छापा कैसे डाला जाता है?
आपको बता दें कि ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों की जांच करने का विशेष अधिकार है। वैसे भी ईडी मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर देती है। ईडी ऊपर बताए गए कानूनों के तहत मामला दर्ज कर उसकी जांच करती है। जांच में शामिल अधिकारी ही आरोपी या उससे जुड़े किसी व्यक्ति से पूछताछ करता है।
आरोपी को शिकायत की कॉपी देना जरूरी नहीं
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने भी ईडी की शक्ति को लेकर कहा था कि आरोपी को शिकायत की कॉपी देना जरूरी नहीं है और यह बताने के लिए काफी है कि गिरफ्तारी किस आरोप में की जा रही है। ऐसे में निदेशक जोन आदि के आधार पर निर्णय लेते हैं और उसके बाद जांच कराई जाती है। पहले अधिकारियों द्वारा समन जारी किया जाता है और फिर पूछताछ और समन में सहयोग न करने पर आगे की कार्रवाई की जाती है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था बयान
हाईकोर्ट ने हाल ही में एक केस में कहा था कि ईडी के पास पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी की शक्ति है, लेकिन यह अनियंत्रित शक्ति नहीं है. इसमें सबकुछ सुनिश्चित करने के बाद ही ईडी किसी को गिरफ्तार करे
ईडी कैसे कार्रवाई करती है?
जब भी किसी स्थानीय पुलिस स्टेशन द्वारा कोई अपराध दर्ज किया जाता है जिसमें ₹1 करोड़ से अधिक की आय उत्पन्न हुई है, तो जांच पुलिस अधिकारी ईडी को विवरण भेजता है। फिर ईडी इसमें अपनी जांच और कार्रवाई शुरू करती है।
पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरपीएससी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसके बाद आरपीएससी को ईडी की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। चेयरमैन और सचिव को जबाव तलब भी किया था। इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो गई है।
ईडी की अन्य जिम्मेदारियां
- आर्थिक कानूनों को लागू करना
- आर्थिक अपराध से लड़ना
- वित्तीय अपराधों की जांच करना
- अवैध तरीकों से अर्जित की गई संपत्ति को जब्त करना