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माइंस विभाग की एमनेस्टी योजना में 36 करोड़ 91 लाख रूपए जमा- एसीएस डॉ. अग्रवाल

जयपुर। माइंस विभााग की विभागीय बकाया और ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना 2022 में अब तक 565 प्रकरणों में 36 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि जमा हो गई हैं।
05:38 PM Jan 04, 2023 IST | ISHIKA JAIN

जयपुर। माइंस विभााग की विभागीय बकाया और ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना 2022 में अब तक 565 प्रकरणों में 36 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि जमा हो गई हैं। यह जानकारी एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने साझा की है। उन्होंने बताया कि 29 अगस्त 2022 को आदेश जारी कर छह माह के लिए लागू विभाागीय बकाया और ब्याजमाफी योजना में फील्ड अधिकारियों को संबंधित बकायादारों से सीधे संपर्क कर योजना का लाभ उठाते हुए बकाया राशि जमा कराने को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए है। योजना के अनुसार 129 करोड़ से अधिक के प्रकरणों का निस्तारण हो गया है।

मूल राशि में अधिकतम 90% की दी गई राहत

एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभागीय बकाया और ब्याजमाफी योजना 2022 अप्रधान खनिजों में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी और निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया और अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च 2021 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है।

योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत और कम से कम 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई है। जिन बकायादारों में केवल ब्याज राशि बकाया है उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि संबंधित खनि अभियंता और सहायक खनि अभियंता को स्वतः माफ करने के निर्देश दिए गए हैं। माइंस विभाग की यह बकाया और ब्याजमाफी योजना 29 अगस्त को आदेश जारी कर 6 माह के लिए लागू की है।

जोधपुर सर्कल में 7 करोड़ 60 लाख रुपए हुए जमा

वहीं डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एमनेस्टी योजना में जोधपुर सर्कल में सर्वाधिक 179 प्रकरणों में 17 करोड़ 60 लाख रुपए जमा हुए हैं और योजना प्रावधानों के अनुसार 44 करोड़ 26 लाख रु. की मूल और ब्याज राशि की राहत दी गई है। राजसमंद सर्कल में 97 प्रकरणों में 5 करोड़ 73 लाख रु. जमा हुए है और 6 करोड़ 67 लाख रु. की मूल और ब्याज में राहत दी गई है। इसी तरह से जयपुर सर्कल में 96 प्रकरणों में 3 करोड़ 13 लाख रु. जमा हुए है और 9 करोड़ 23 लाख रु. की मूल व ब्याज में राहत दी गई है।

बीकानेर सर्कल में 48 प्रकरणों, भीलवाड़ा सर्कल में 26 प्रकरणों, अजमेर सर्कल में 31 प्रकरणों, भरतपुर सर्कल में 33 प्रकरणों, कोटा सर्कल में 26 प्रकरणों और उदयपुर सर्कल में 29 प्रकरणों में राशि जमा हुई है। उन्होंने एमनेस्टी योजना के सभी प्रकरणों में संबंधित से संवाद कायम कर योजना का लाभ उठाते हुए बकाया राशि जमा कराने को प्रेरित करने निर्देश दिए हैं।

निदेशक माइंस ने कही ये बात

वहीं निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि विभागीय बकाया और ब्याजमाफी योजना में शेष रहे समय मेें अधिक से अधिक प्रकरणों में राशि जमा प्राप्त करने के निर्देश फील्ड अधिकारियों को दिए गए हैं। एमई जोधपुर के यहां सर्वाधिक 6 करोड़ 44 लाख रूपए जमा हुए हैं। वहीं एमई सोजत के यहां 6 करोड़ 27 लाख रु.एमई राजसमंद प्रथम के यहां 5 करोड़ 15 लाख जमा हुए हैं। सर्वाधिक 145 प्रकरणों का निष्पादन एमई सिरोही कार्यालय में हुआ है।

इस योजना से बकाया राजस्व की होगी वसूली

गौरतलब है कि योजना खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया और अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च 2021 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है। इस योजना से राज्य सरकार के वर्षों से बकाया राजस्व की वसूली हो सकेगी। साथ ही इससे वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय और धन की बचत होगी। साथ ही वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा।

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