RPSC की एक और परीक्षा में फर्जीवाड़ा, 15 लाख में सौदा, ऐसे चुकाने थे रुपए, दोनों कैंडिडेट्स ने खोले राज
Rajasthan Paper Leak Case : राजस्थान में भजनलाल शर्मा पेपर लीक माफियों पर एक के बाद एक लगातार एक्शन ले रही हैं। प्रदेश में बीजेपी सरकार जीरो टॉलरेस की नीति पर काम करते हुए पेपर लीक और डमी कैंडिडेट की धरपकड़ कर आए दिन नए खुलासे कर रही है।
वहीं अब राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPCS) की एक और परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आया है। वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक (सीनियर PTI) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में 4 डमी कैंडिडेट बैठाने के आरोप में आयोग ने एफआईआर दर्ज कराई है। इनमें से दो आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बाकी दो कैंडिडेट की तलाश की जा रही है। चारों ने प्रवेश पत्र की फोटो बदलकर अपनी जगह डमी कैंडिडेट को बैठाया था। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दोनों डमी कैंडिडेट को नहीं जानते है। लेकिन, उनसे सौदा करने वाले ने उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए चयन होने पर नौकरी से मिलने वाली तनख्वाह से पैसा चुकाने का ऑफर दिया था।
दोनों एक-दूसरे को नहीं जानते, सौदा करने वाले भी दोनों लोग अलग
अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक (अभय कमांड सेन्टर) संजय चंपावत ने इस मामले को लेकर बताया कि पूछताछ में पता चला कि वो दोनों एक-दूसरे को नहीं जानते और सौदा करने वाले भी दोनों लोग अलग है। उनमें से एक कैडिडेट का 15 लाख में सौदा तय हुआ था। गिरफ्तार दोनों कैंडिडेट किसान परिवार से है। दोनों कैंडिडेट्स में किसी प्रकार का कोई रिश्ता नहीं है।
चंपावत ने बताया कि डमी कैंडिडेट्स बैठाकर परीक्षा में सिलेक्शन का सौदा करने वालों ने इन दोनों की गरीब हालत को देखते हुए ऑफर दिया था। उन्होंने दोनों से कहा था कि जब उनकी नौकरी लग जाएगी तो ये पैसे तनख्वाह से मिलने वाली राशि से चुका देना। फिलहाल ये सौदा किससे किया, उसके बारे में पूछताछ की जा रही है। उनकी गिरफ्तारी के बाद ही पूरा खुलासा हो पाएगा।
बता दें कि आरपीएससी की ओर से मुकदमा दर्ज कराने के बाद पुलिस ने दो कैंडिडेट्स कैलाश (जोधपुर) पुत्र जोगाराम जांगू और राकेश (बांसवाड़ा) पुत्र कैलाश मेदा को गिरफ्तार किया है। वहीं दो कैंडिडेट्स गोपीलाल (जालोर) पुत्र बाबूलाल, गैनाराम (बाड़मेर) पुत्र जैसाराम अभी फरार है। साथ ही डमी कैंडिडेट्स व सौदा करने वाले आरोपी फरार है। जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
फार्म भरने के बाद कुछ पता नहीं
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि कैंडिडेट ने केवल फार्म भरे और इसके बाद वे दलाल के संपर्क में आए। दलाल ने ही उनके स्थान पर डमी कैंडिडेट बैठाने की व्यवस्था की। जिसके बारे में उनको कोई जानकारी नहीं थी।
एसओजी कर सकती है जांच
आरपीएससी के अधिकांश मामलों में जांच एसओजी के पास है और एसओजी ने कईं मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। इस मामले की जांच भी एसओजी को सौंपी जा सकती है।
जुलाई 2022 में निकाली थी सीनियर PTI की भर्ती
बता दें कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक (सीनियर PTI) की 8 जुलाई 2022 को भर्ती निकाली गई थी। सीनियर PTI के लिए कुल 461 पदों पर ये भर्तियां निकाली गई थी। इसके लिए आवेदन 15 जुलाई से 13 अगस्त 2022 की रात्रि 12 बजे तक लिए गए। इसके बाद इस परीक्षा का आयोजन अजमेर एवं जयपुर जिला मुख्यालय पर 30 अप्रैल को किया गया। अजमेर में 51 व जयपुर में 71 सेंटर बनाए गए। पहली पारी में 58.03 तथा दूसरी पारी में 57.51 प्रतिशत स्टूडेन्ट्स उपस्थित हुए।
RPSC ने दर्ज कराया था मामला
RPSC के अधिकारी प्रवीण मीणा ने 5 अप्रैल 2024 को अजमेर के सिविल लाइन थाने में केस दर्ज कराया है। प्रवीण मीणा के अनुसार सीनियर PTI के लिए कुद 461 पदों के लिए दो पारी में एग्जाम हुई थी। इसमें 426 अभ्यर्थी पास हुए। इस साल फरवरी में पास हुए कैंडिडेट को डॉक्युमेंट्स वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था। इनमें 31 कैंडिडेट्स नहीं पहुंचे थे।
आयोग ने उन्हें अवसर देते हुए 23 फरवरी को बुलाया गया, लेकिन इनमें से 4 कैंडिडेट राकेश (बांसवाड़ा) पुत्र कैलाश मेदा, गोपीलाल (जालोर) पुत्र बाबूलाल, गैनाराम (बाड़मेर) पुत्र जैसाराम और कैलाश (जोधपुर) पुत्र जोगाराम जांगू नहीं पहुंचे। आरोपियों को फिर से 3 अप्रैल 2024 को फिर बुलाया गया, लेकिन वे नहीं आए। इन्होंने अपने एडमिट कार्ड में स्वयं की फोटो की जगह स्कैन फोटो लगाकर डमी कैंडिडेट बैठाए थे। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर इसकी जांच एएसपी (अभय कमांड सेंटर) संजयसिंह चंपावत को सौंपी।