राइट टू हेल्थ बिल : 11 फरवरी को निजी अस्पतालों में 24 घंटे तक बंद रहेंगी इमरजेंसी सेवाएं
जयपुर। प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार देने को लेकर सरकार की ओर से प्रस्तावित राइट टू हेल्थ बिल डॉक्टर्स को रास नहीं आ रहा है। प्रदेश के निजी अस्पतालों से जुड़े सभी चिकित्सक संगठन अब एक मंच के तले आ गए हैं और बिल के विरोध में सामूहिक बंद का ऐलान किया है। सभी चिकित्सक संगठनों की बैठक के बाद स्टेट जोइंट एक्शन कमेटी ने निर्णय लिया है कि 11 फरवरी को सभी छोटे-बड़े निजी अस्पताल बिल के विरोध में बंद रखेंगे। ऐसा पहली बार होगा कि इस दिन 24 घंटे के लिए इमरजेंसी सेवाएं भी बंद रखी जाएंगी। ऐसे में इस दिन ओपीडी से लेकर आईपीडी और इमरजेंसी में भी मरीजों को अस्पताल में इलाज नहीं मिलेगा।
आईएमए के प्रवक्ता डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए अब जोइंट एक्शन कमेटी के बैनर तले सभी संगठन एकजुट हो गए हैं और इमरजेंसी तक बंद करने का फैसला लिया है। बिल के विरोध में 11 फरवरी को प्रदेशभर में डॉक्टर्स हड़ताल पर रहेंगे। इस बिल पर विधानसभा की प्रवर समिति भी इसी दिन डॉक्टर्स से उनका पक्ष सुनकर उनके सुझाव इस बिल के लिए लेगी। इस हड़ताल के दौरान प्राइवेट अस्पताल बंद रहेंगे, लेकिन सरकारी अस्पतालों से जुड़े डॉक्टर्स और संगठन के बंद बुलाने पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
अब पूरे बिल को लेकर ही विरोध
सरकार के प्रतिनिधियों का कहना है कि बिल से आम आदमी को इलाज का अधिकार मिलेगा। वहीं, चिकित्सक संगठनों का कहना है कि इमरजेंसी से लेकर अन्य बीमारी में मरीज का इलाज करने का प्रावधान तो बिल में है, लेकिन इस इलाज पर होने वाले खर्च को कौन उठाएगा। यह बिल में तय नहीं है। वहीं, डॉक्टर्स का अब कहना है कि उनका अब पूरे बिल को लेकर ही विरोध है। इससे पहले डॉक्टर्स कह रहे थे कि कुछ बिंदुओं को लेकर ही विरोध है, लेकिन अब गठन वार्ता से पहले ही विरोध में उतर आए हैं।
11 फरवरी को प्रवर समिति सुनेगी डॉक्टरों की बात
इस बिल का विरोध कर रहे डॉक्टरों के सुझाव को सुनने के लिए विधानसभा की प्रवर समिति 11 फरवरी को एक बैठक करेगी। बैठक में डॉक्टर्स के सुझाव सुनने के बाद उन पर कमेटी चर्चा करके उनके सुझावों को बिल में शामिल करने पर विचार करेगी। उसके बाद बिल को पास करने की कार्रवाई की जाएगी। प्रवर समिति इस पर अपनी रिपोर्ट 13 फरवरी को पेश कर सकती है। बिल का विरोध करने के लिए डॉक्टर्स और प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों ने स्टे ज्वाइंट एक्शन कमेटी का गठन किया है। कमेटी का आरोप है कि प्रदेशभर के तमाम डॉक्टर्स के विरोध के बावजूद राज्य सरकार इस बिल को पास करवाने के लिए अड़ी हुई है। इस बिल में कई ऐसी खामियां हैं, जिससे इसका सभी डॉक्टर्स और अस्पताल विरोध कर रहे हैं। सरकार इन मुद्दों पर डॉक्टर्स की बात नहीं सुन रही।