Right to Health Bill : दो गुटों में बंटे रेजिडेंट्स, सरकार पर फिर दबाव बनाने की रणनीति में जुटे चिकित्सक
Right to Health Bill : जयपुर। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में कार्य बहिष्कार पर उतरे चिकित्सक अब एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन से सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति में जुट गए हैं। आज डॉक्टर्स एसएमएस के जेएमए सभागार से बच्चों, पत्नी और माता-पिता सहित परिवार के सदस्यों के साथ रैली निकालेंगे, वहीं 4 अप्रेल को महा-महा रैली निकालेंगे। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे डॉ.राजवेन्द्र सिंह ने बताया कि महा-महा रैली में आमजन को भी साथ लेंगे और हजारों की संख्या में एकत्रित होकर बिल का विरोध करेंगे। वहीं, डॉ.राजवेन्द्र ने बताया कि उनके प्रतिनिधिमंडन की सचिवालय में सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता भी हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। निजी अस्पतालों में चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार रविवार को 15वें दिन भी जारी रहा।
हालांकि, आंदोलन का अब चिकित्सा सेवाओं पर ज्यादा असर नजर नहीं आ रहा है, बल्कि प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल तक से मरीजों का भार भी कम हो गया हैं। आंदोलन के चलते मरीज काफी कम संख्या में अस्पताल पहुंच रहे है। हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं में लिए आमजन सरकारी अस्पतालों पर निर्भर हो गए हैं। एसएमएस में रोजाना औसतन 400 से 500 की संख्या में आपातकालीन सेवाओं में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। गत सप्ताह के मुकाबले इस वीक के अंत तक एसएमएस में ओपीडी का भार 50 प्रतिशत तक कम हुआ है। वहीं, कार्य बहिष्कार पर गए एक तिहाई रेजिडेंट भी अस्पताल में काम पर लौट आए हैं। शनिवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में करीब 500 रेजिडेंट्स ने काम किया।
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फिर कर सकते हैं कार्य का बहिष्कार
तीन दिन पहले सरकार से समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर काम पर लौटे रेजिडेंट अब पलट गए हैं। रेजिडेंट्स की ओर से जार्ड की कार्यकारिणी का भंग किए जाने के बाद सरकार के साथ वार्ता कर हड़ताल खत्म करने का लिखित समझौता देने वाले जार्ड के पदाधिकारी दूसरे गुट के दबाव में शाम होते- होते पलट गए। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले जार्ड अध्यक्ष डॉ नीरज दामोर ने कहा कि बिल चिकित्सक समुदाय के लिए दमनकारी है। सभी रेजिडेंट एक जुट है। जॉइंट एक्शन कमेटी और जार्ड साथ में हैं। इसलिए विरोध में रेजिडेंट्स का आंदोलन जारी रहेगा।
जार्ड हुई भंग, अब ज्वाइंट एक्शन कमेटी
आरडी हॉस्टल में आयोजित की गई रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की जीबीएम में जार्ड अध्यक्ष डॉ. नीरज डामोर और उनकी कार्यकारिणी को डॉक्टर्स ने सर्व सम्मति से भंग कर दिया गया। 1500 में से तकरीबन 1300 रेजिडेंट्स ने हड़ताल जारी रखने का समर्थन करते हुए जार्ड को भंग किए जाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। अब रेजिडेंट्स डॉक्टर से जुड़े निर्णय ज्वॉइंट एक्शन कमेटी ही लेगी। जिसके बाद सरकार से समझौता करने वाले जार्ड के पदाधिकारी भी पलट गए।
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