91 विधायकों के इस्तीफे मामले की अब 20 जनवरी को होगी सुनवाई, विधानसभा सचिव आज पेश करेंगे शपथ पत्र
जयपुर। 91 विधायकों के इस्तीफे मामले में आज फिर विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ की रिट पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने अब 20 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए तारीख दी है। सुनवाई के दौरान विधानसभा सचिव की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता MS सिंघवी ने कहा कि निर्णय़ ले लिया गया है। वे आज शपथ पत्र पेश करेंगे।
आज शपथ पत्र करेंगे पेश
हाईकोर्ट में सुनवाई जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस चंद्र कुमार सोनगरा की खंडपीठ ने की। विधानसभा सचिव की ओर से महाधिवक्ता MS सिंघवी ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में फैसला ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि आज शपथ पत्र पेश कर देंगे। इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि वे कोर्ट को बताएं कि क्या फैसला लिया गया उसका हलफनामा पेश करें। राजेंद्र राठौड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 23 जनवरी से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। कोर्ट ने कहा था कि विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही इसका फैसला हो जाना चाहिए लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। 20 जनवरी को अब अगली सुनवाई होगी। 110 दिन गुजर चुके हैं। राजस्थान की जनता जानना चाहती है कि इस्तीफे वाले मामले का क्या हुआ।
क्या निर्णय लिया है लिखित में दें
राठौड़ ने कहा कि विधानसभा सचिव की तरफ से AG पेश हुए हैं। उन्होंने कोर्ट में तो कह दिया कि फैसला ले लिया गया है लेकिन वो लिखित में दें कि क्या निर्णय लिया गया है। मैं भी उसका अध्ययन करूंगा। उन्होंने कहा कि इन त्यागपत्र वीरों में वो 30 लोग भी मौजूद हैं जो मंत्री हैं। अब 20 जनवरी को जो बुनियादी सवाल हैं उन पर सुनवाई होगी। राठौड़ ने सवाल उठाया कि त्यागपत्र देने के बाद भी आखिर वे वेतन कैसे ले रहे हैं। बता दें कि अदालत ने जवाब पेश करने के लिए 3 दिन का समय दिया है।
याचिका में ये की हैं मांग
राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान हाइकोर्ट में जो रिट दायर की हैं उनमें मुख्य रूप से 4 मांगे उठाई गई हैं।
1- जिन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफा दिया है उन पर एक सप्ताह में फैसला लेने का आदेश राज्सथान हाइकोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को दे।
2- जब तक हाइकोर्ट में यह रिट लंबित रहती है तब तक जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है उन्हें विधानसभा में प्रवेश न करने दिया जाए।
3- विधानसभा के सचिव को इस मामले में संबंधित डॉक्यूमेंट्स और इस्तीफे की ओरिजिनल कॉपी के साथ कोर्ट में बुलाया जाए।
4- जिन विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंपा हैं उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं।