अडानी के लिए राहत…इन शेयरों में देखा गया जबरदस्त उछाल, मार्केट कैप करीब 11 लाख करोड़ रुपए
Adani Share News: शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के सभी लिस्टेड कंपनियों के शेयर जोरदार बढ़त के साथ अपना कारोबार कर रहे हैं। कुछ शेयरों ने 20 फीसदी तक की छलांग लगाई है। अदानी एंटरप्राइजेज जैसे शेयरों में 7 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। बीएसई पर अदाणी टोटल गैस के शेयर सबसे ज्यादा 19.62 फीसदी की बढ़त के साथ 642.10 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे। सबसे कम बढ़त अडानी ग्रुप की सीमेंट कंपनियों के शेयरों में हुई है।
अडानी के इन शेयरों में सबसे उछाल
मंगलवार को सेंसेक्स 0.025 फीसदी नीचे 65,952.96 पर और निफ्टी 0.13 फीसदी ऊपर 19,819.90 पर था। अदानी टोटल गैस के बाद, अदानी सॉल्यूशंस लिमिटेड के शेयर 13% की बढ़त के साथ ही 824 रुपये के दिन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। शुरुआती कारोबार में अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के शेयर 7.84 प्रतिशत बढ़कर 1,010.90 रुपये पर पहुंच गए। अडाणी पावर 8.47 प्रतिशत बढ़कर 430.50 रुपये पर था। वहीं, अडानी एंटरप्राइजेज कंपनी के शेयर 7.13 फीसदी की तेजी के साथ 2,384 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।
अडानी के ये शेयर भी चल पड़े
शुरुआती कारोबार में अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विल्मर लिमिटेड के शेयर 6.86 फीसदी की तेजी के साथ 338.65 रुपये के उच्चतम स्तर पर थे। इसके अलावा अदानी पोर्ट्स में 3.71 फीसदी, एनडीटीवी में 6.03 फीसदी, एसीसी में 2.86 फीसदी जबकि अंबुजा सीमेंट्स में 3.66 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं, अडानी की सीमेंट कंपनी एसीसी के शेयर 1.95% बढ़कर 1,856.35 रुपये पर और अंबुजा के शेयर 2.49% बढ़कर 424.05 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।
मार्केट कैप करीब 11 लाख करोड़ रुपए
मंगलवार को अडानी ग्रुप की सभी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी से कंपनी का मार्केट कैप बढ़ गया। अडानी ग्रुप का मार्केट कैप अब 11 लाख करोड़ रुपये यानी 10,94,060.61 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है। शुक्रवार को यह 10,27,114.67 करोड़ रुपये था, जबकि इसी साल 24 जनवरी को अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद इसका मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपये से नीचे आ गया था। 24 जनवरी को अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 19,19,888.44 करोड़ रुपये था।
शेयरों में क्यों आई तेजी?
अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा था कि अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को सही बयान नहीं माना जा सकता है। दूसरी ओर, सेबी ने कहा कि वह अडानी-हिंडनबर्ग मामले में अपनी जांच पूरी करने के लिए और समय नहीं मांगेगी।