निजी हॉस्पिटल में 16 साल की लड़की की मौत पर परिजनों ने किया हंगामा, अस्पताल प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोप
टोंक। शहर के प्राईवेट अस्पताल में उपचार के दौरान 16 साल की लड़की की मौत पर रविवार रात परिजनों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही से इलाज करने से किशोरी के मृत्यु होने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों व ग्रामीणों से समझाइश कर मामला शांत कराया। जानकारी के अनुसार इस्लामपुरा ग्राम पोस्ट सोरण निवासी कमलेश बेरवा की 16 वर्षीय पुत्री प्रिया बैरवा को तबीयत खराब होने पर टोंक शहर के अग्रवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान प्रिया की तबीयत और अचानक बिगड़ गई। रविवार देर शाम प्रिया ने दम तोड़ दिया। जैसे ही मामले की सूचना परिजनों को लगी। वहां मौजूद परिजन बिफर पड़े। साथ ही अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा कर दिया।
परिजनों का आरोप-पैसे जमा कराने के बाद भी नहीं हुई जांचें
मृतक प्रिया के चाचा दिनेश बेरवा ने बताया कि उसकी भतीजी को खून की उल्टियां होने की शिकायत पर अग्रवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रशासन ने इस दौरान कई जांच करवाने का हवाला देकर पैसे जमा कराने के लिए कहा। जिस पर परिजनों ने 25 हजार रुपए से अधिक जमा कराएं। परिजनों का आरोप है कि पैसे जमा कराए जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन द्वारा कई जांचें नहीं करवाई गई। बाद में बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर ले जाने को कहा। जब परिजनों ने डिस्चार्ज टिकट बनाने के लिए कहा तो अस्पताल प्रशासन ने डिस्चार्ज टिकट देने को मना कर दिया।
पुलिस उपाधीक्षक की समझाइश पर शांत हुए ग्रामीण
हंगामे की सूचना के बाद पुलिस उपाधीक्षक सलेह मोहम्मद पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने परिजनों से मामले की जानकारी ली। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल प्रशासन को लेकर गहरा रोष व्यक्त किया। साथ ही चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करने लगे। इस पर पुलिस उपाधीक्षक ने रिपोर्ट देने के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। तब जाकर परिजनों का आक्रोश शांत हुआ। पुलिस ने सोमवार सुबह सहादत अस्पताल के मेडिकल बोर्ड के जरिए किशोरी का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। जबकि अस्पताल प्रशासन द्वारा किए गए इलाज की समीक्षा की जा रही है। उधर, पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई। मृतका के शरीर में आंतरिक रूप से रक्त स्त्राव होने के कारण उसकी मौत हुई है। बच्ची को बचाने के लिए भरसक प्रयास किए गए थे।