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राष्ट्रीय लोक अदालत को मिली अभूतपूर्व सफलता, 3,17,485 लम्बित प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण

2024 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर व जयपुर पीठ सहित राजस्थान प्रदेश के समस्त अधीनस्थ न्यायालयों, अधिकरणों, आयोगों, उपभोक्ता मंचों, राजस्व न्यायालयों, आदि में आयोजन किया गया।
12:27 PM Mar 10, 2024 IST | Kunal Bhatnagar
राष्ट्रीय लोक अदालत को मिली अभूतपूर्व सफलता  3 17 485 लम्बित प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण

National Lok Adalat: 2024 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर व जयपुर पीठ सहित राजस्थान प्रदेश के समस्त अधीनस्थ न्यायालयों, अधिकरणों, आयोगों, उपभोक्ता मंचों, राजस्व न्यायालयों, आदि में आयोजन किया गया। माननीय मुख्य न्यायाधिपति एम. एम. श्रीवास्तव, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रेरणादायी सानिध्य एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वावधान में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इसका आयोजन करवाया गया।

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लम्बित प्रकरणों में आई कमी

माननीय न्यायाधिपति द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 39ए सभी को न्याय के समान अवसर उपलब्ध कराने हेतु लाया गया था। लोक अदालत हर नागरिक के लिए न्याय प्राप्त करने का सस्ता और सुलभ साधन है।

माननीय द्वारा यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत पक्षकारों को सुलह के लिए मंच प्रदान करती है और यह एक ऐसा स्थान है जहां विवाद के पक्षकार समाधान की प्रक्रिया में खुद भाग लेते हैं और विवाद का समाधान भी खुद ही तय करते हैं।

साथ ही उन्होंने बताया कि विगत वर्ष 2023 में प्रदेश की जिला अदालतों के लम्बित प्रकरणों में प्रत्येक लोक अदालत में औसतन 10.57 प्रतिशत कमी आई है।

24,75,175 प्रकरणों राजीनामा

मुख्य न्यायाधिपति एवं मुख्य संरक्षक, रालसा मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव साहब की प्रेरणा एवं माननीय न्यायाधीश एवं कार्यकारी अध्यक्ष, रालसा श्रीमान् पंकज भण्डारी साहब के मार्गदर्शन में विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए कुल 3,17,485 लम्बित प्रकरणों सहित कुल 24,75,175 प्रकरणों का लोक अदालत की भावना के जरिए राजीनामा निस्तारण किया गया।

जिसमें कुल 11,99,62,12,882/- रुपये की राशि के अवॉर्ड पारित किये गये। माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ जोधपुर द्वारा 324 प्रकरणों तथा जयपुर पीठ द्वारा 810 प्रकरणों का राजीनामे के माध्यम से निस्तारण किया गया।

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